जांजगीर-चांपा जिले से जैजैपुर क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू को पुलिस ने मारपीट और जान से मारने की धमकी के एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया है। पुलिस ने इस गिरफ्तारी की औपचारिक सूचना छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को भी प्रेषित कर दी है, जिससे पूरे मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
यह मामला 10 जून को सामने आया जब चांपा नगर के शंकर नगर निवासी चंद्रशेखर राठौर ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि विधायक बालेश्वर साहू ने अपने निवास का निर्माण कार्य करते समय पड़ोसी की भूमि पर जबरदस्ती एसी की आउटर यूनिट और किचन की चिमनी लगा दी थी। जब इस पर आपत्ति जताई गई तो विधायक ने गाली-गलौच की, धमकी दी और चंद्रशेखर राठौर के जीजा के साथ मारपीट की।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि जब परिवार के सदस्यों ने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की, तो विधायक और उनके समर्थकों ने मोबाइल फोन छीन लिया और रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी। मामले की जांच के बाद चांपा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 329(4), 296, 352(2) और 115(2)(b) के तहत मामला दर्ज किया।
जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद विधायक बालेश्वर साहू को गिरफ्तार किया गया, लेकिन चूंकि सभी धाराएं जमानतीय थीं, इसलिए उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया। गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने विधानसभा अध्यक्ष को भी इसकी जानकारी विधिसम्मत रूप से भेज दी है।
इस विषय पर जांजगीर की सीएसपी कविता ठाकुर ने बताया कि शिकायत की जांच में आरोप सही पाए गए थे। जांच के बाद विधायक को विधिवत गिरफ्तार किया गया और मुचलके पर रिहा कर दिया गया है। गिरफ्तारी की विधिक सूचना विधानसभा सचिवालय को भेज दी गई है।
विधायक की गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठा सकता है और सरकार से जवाब की मांग कर सकता है। वहीं, कांग्रेस के भीतर भी इस मामले को लेकर चिंतन मंथन शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में इस गिरफ्तारी का असर न सिर्फ विधायक की छवि पर, बल्कि पार्टी की राजनीतिक रणनीति पर भी पड़ सकता है।
यह देखना अब महत्वपूर्ण होगा कि क्या विधानसभा अध्यक्ष इस पर कोई कार्रवाई करते हैं या फिर पार्टी खुद ही विधायक से जवाब-तलबी करती है।
