नई दिल्ली, 3 अगस्त।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र ने CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांचों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने एजेंसियों की कार्रवाई की वैधता और अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है। याचिका में इन जांचों को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया गया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई होगी। सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार की ये एजेंसियां राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही हैं, जो कि संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ है। उनका दावा है कि CBI और ED की कार्रवाई बिना राज्य सरकार की सहमति के शुरू की गई है, जबकि कानूनन राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
भूपेश बघेल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती से छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे राजनीतिक उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी लड़ाई बताया है, वहीं भाजपा खेमे में इस घटनाक्रम को लेकर अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
अब सबकी निगाहें सोमवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई जारी रहेगी या सुप्रीम कोर्ट कुछ दिशा-निर्देश जारी करेगा।
