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सड़क और पुल के अभाव में आदिवासी प्रसूता का रास्ते में प्रसव


नदी पार कर नवजात के साथ अस्पताल पहुंची महिला, 15 KM दूर बाइक से ले जाया गया रघुनाथनगर अस्पताल

बलरामपुर, वाड्रफनगर से राकेश कन्नौजिया
जिला प्रशासन के तमाम विकास दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत सोनहत गांव की एक पंडो जनजाति की महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान न सड़क मिली, न पुल और न समय पर एंबुलेंस।

बताया जा रहा है कि गांव में सड़क और पुल नहीं होने के कारण महिला को पैदल ही नदी पार करनी पड़ी। इस दौरान रास्ते में ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। नवजात को सीने से लगाए महिला ने जैसे-तैसे नदी पार की, जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से उसे 15 किलोमीटर दूर बाइक से रघुनाथनगर के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।

बरसात के दिनों में गांव का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है। नाले पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को हर साल भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बार इसकी कीमत एक प्रसूता को चुकानी पड़ी। फिलहाल अस्पताल में जच्चा और बच्चा दोनों का इलाज जारी है और हालत स्थिर बताई जा रही है।

यह घटना न केवल सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक आदिवासी अंचलों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जाएगा।


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