इंद्रावती और भनवारटक नाले में दो दर्दनाक हादसे, मातम में डूबे गांव… बारिश में नदी-नाले पार करने से प्रशासन ने किया अलर्ट
छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश कहर बरपा रही है। रविवार और सोमवार को राज्य के अलग-अलग जिलों से दिल दहला देने वाली दो बड़ी घटनाएं सामने आईं। एक ओर बीजापुर में नाव पलटने से दो मासूम बच्चियां इंद्रावती की धार में लापता हो गईं, वहीं बिलासपुर-जीपीएम सीमा पर भनवारटक नाले में बलौदाबाजार के ध्रुव परिवार के पिता समेत चार लोगों की मौत हो गई। दोनों हादसों ने प्रदेश को गहरे शोक में डाल दिया है।
बीजापुर में नाव हादसा
भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के नेलगोंडा घाट में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। ककड़वाड़ा के ग्रामीण नाव से नदी पार कर रहे थे, तभी संतुलन बिगड़ने से नाव पलट गई। नाव में कुल 17 लोग सवार थे, जिनमें से 15 लोग किसी तरह तैरकर किनारे पहुंच गए। लेकिन दो स्कूली बच्चियां – मनीषा उज्जी (11 वर्ष) और शर्मीली उज्जी (10 वर्ष) – नदी की तेज धार में बह गईं।
दोनों बच्चियां एहकेली गांव की रहने वाली थीं। सूचना मिलते ही नगर सेना और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और देर रात तक तलाशी अभियान चलाया गया। सोमवार सुबह से फिर रेस्क्यू शुरू किया गया, लेकिन अब तक बच्चियों का पता नहीं चल सका। गांव में मातम पसरा है और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं।
भनवारटक नाले में चार की मौत
उधर बिलासपुर जिले की सीमा से लगे भनवारटक नाले में रविवार देर शाम मरही माता मंदिर से लौट रहे बलौदाबाजार जिले के ध्रुव परिवार पर कहर टूट पड़ा। अचानक उफान पर आए नाले को पैदल पार करने की कोशिश में तीन बच्चे बह गए। उन्हें बचाने पिता बलराम ध्रुव ने भी छलांग लगा दी, लेकिन तेज धार उन्हें भी अपने साथ ले गई।
रेस्क्यू टीम ने रविवार को ही तीन बच्चों के शव निकाल लिए थे। सोमवार सुबह बलराम ध्रुव का शव भी बरामद कर लिया गया। मृतकों में – गौरी ध्रुव (13), निशांत ध्रुव (5), मुस्कान ध्रुव (13) और उनके पिता बलराम ध्रुव शामिल हैं। इस घटना से बलौदाबाजार जिले का बिटकुली गांव और बिलासपुर का बोदरी इलाका शोक में डूब गया है।
गांवों में मातम, प्रशासन की अपील
एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत और इंद्रावती में दो बच्चियों के लापता होने से पूरे इलाके में मातम का माहौल है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम में नदी-नाले पार करने से बचें। अचानक जलस्तर बढ़ने से बड़ा हादसा हो सकता है।
