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“बच्चों के अधिकारों पर किसी भी गलती को माफ नहीं किया जाएगा” — डॉ. वर्णिका शर्मा


बाल संरक्षण आयोग एक्शन मोड में, राज्यभर की रिपोर्टों पर कड़ी निगरानी


रायपुर, 04 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रदेशभर से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टों और शिकायतों की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को तत्काल और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।


बाल संरक्षण गृहों और पर्यवेक्षण गृहों में हाल ही में किए गए औचक निरीक्षणों में कई गंभीर कमियां उजागर हुई हैं। स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता में लापरवाही, सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरी, बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार, सुरक्षा गार्डों की कमी और कुछ संस्थानों में नशीले पदार्थों की उपलब्धता जैसी अनियमितताएं सामने आई हैं। आयोग ने इन मामलों में तुरंत सुधार करने और जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।


डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरबा प्रवास के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण कर बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इस दिशा में लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।


विद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों की स्थिति पर भी आयोग ने चिंता व्यक्त की। कई स्कूलों में साफ-सफाई की कमी, खेल मैदानों का जर्जर होना और स्कूल परिसर के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री की शिकायतें दर्ज की गई हैं। आयोग ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से स्कूलों में सुरक्षित, स्वच्छ और सकारात्मक वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।


स्वास्थ्य और पोषण समीक्षा में भी कई संस्थानों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी पाई गई। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को पांच दिनों के भीतर सभी कमियों को दूर करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।


बैठक में बाल उत्पीड़न, शोषण और प्रताड़ना से जुड़े मामलों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। आयोग ने सभी जिलों को ऐसे मामलों में तुरंत संज्ञान लेने, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।


राज्यभर में बाल अधिकारों, सुरक्षा और देखभाल को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और बाल गृहों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।


अंत में डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बाल संरक्षण में किसी भी प्रकार की चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग नियमित निरीक्षण जारी रखेगा और आवश्यक कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित की जाएगी।

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