रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। सुबह पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद घंटों की सघन पूछताछ चली और शाम होते-होते ED ने गिरफ्तारी की औपचारिक घोषणा कर दी। कल आरोपी को विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस गिरफ्तारी के साथ ही 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के कथित महाघोटाले में जांच और तेज हो गई है। सत्ता, सिस्टम और सिंडिकेट की जड़ें हिलाने वाली इस कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है।
ED का खुलासा: ACB में FIR, सिंडिकेट से चला शराब साम्राज्य
ED ने इस मामले में ACB में FIR दर्ज कराई है। FIR में आरोप है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में एक संगठित शराब सिंडिकेट के जरिए राज्यभर में अवैध कमाई का नेटवर्क चलाया गया।
ED की जांच के मुताबिक इस सिंडिकेट में—
IAS अधिकारी अनिल टुटेजा,
आबकारी विभाग के तत्कालीन MD ए.पी. त्रिपाठी,
कारोबारी अनवर ढेबर
की निर्णायक भूमिका रही।
कैसे हुआ खेल? — कमीशन, वसूली और सरकारी खजाने को चोट
जांच एजेंसी का दावा है कि शराब कारोबार के लाइसेंस, सप्लाई और वितरण के नाम पर अवैध कमीशनखोरी, जबरन वसूली और सुनियोजित तरीके से सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया। हर बोतल पर तय ‘कट’ से करोड़ों की काली कमाई की गई।
राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी के बाद यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है। ED सूत्रों के मुताबिक, कई और गिरफ्तारियां संभव हैं।
