लैंडोर। मसूरी की चहल-पहल से कुछ ही दूरी पर बसा लैंडोर आज भी अपनी शांत, सादगी भरी और साहित्यिक पहचान को संजोए हुए है। ब्रिटिश काल की विरासत, देवदार के घने जंगल और हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच यह हिल स्टेशन उन सैलानियों की पहली पसंद बनता जा रहा है, जो शोर-शराबे से दूर प्रकृति को महसूस करना चाहते हैं।
लाल टिब्बा से हिमालय का अद्भुत दर्शन
लैंडोर का सबसे ऊंचा स्थल लाल टिब्बा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यहां से बंदरपूंछ और स्वर्ग रोहिणी जैसी हिमालयी चोटियां साफ नजर आती हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां का नजारा बेहद मनमोहक होता है। दूरबीन से पहाड़ देखने की सुविधा और आसपास के छोटे कैफे इस स्थान की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं।

चार दुकान: स्वाद और विरासत का संगम
चार पुरानी दुकानों से पहचान बनाने वाला चार दुकान इलाका आज भी ब्रिटिश दौर की याद दिलाता है। मैगी, पैनकेक, चाय और लोकल स्नैक्स के साथ यहां शाम की सैर पर्यटकों को खास अनुभव देती है।
सिस्टर बाजार में पुराना स्वाद
ब्रिटिश ननों द्वारा शुरू किया गया सिस्टर बाजार छोटा लेकिन बेहद खास है। यहां घर पर बने जैम, चीज, ब्रेड और चॉकलेट मिलती हैं। शांत माहौल में हल्की शॉपिंग के लिए यह जगह आदर्श मानी जाती है।
ऐतिहासिक चर्च बने पहचान
1839 में बना सेंट पॉल चर्च लैंडोर का सबसे पुराना चर्च है, जबकि केलॉग मेमोरियल चर्च अपनी सादगी और शांति के लिए प्रसिद्ध है। दोनों चर्च ब्रिटिश आर्किटेक्चर और आध्यात्मिक माहौल का जीवंत उदाहरण हैं।

प्रकृति प्रेमियों के लिए जबरखेत नेचर रिजर्व
भारत का पहला प्राइवेट नेचर रिजर्व जबरखेत ट्रेकिंग, जंगल सैर और पक्षी दर्शन के लिए जाना जाता है। यहां प्रवेश शुल्क लिया जाता है, लेकिन प्रकृति के करीब बिताया गया समय हर पर्यटक को खास अनुभव देता है।
रस्किन बॉन्ड की यादों वाला लैंडोर
मुलिंगर हिल, लैंडोर रिज और क्लॉक टावर जैसे स्थल पैदल घूमने वालों को आकर्षित करते हैं। पाइन के जंगलों के बीच बना लैंडोर रिज वॉकिंग ट्रेल सुकून और साहित्यिक एहसास से भर देता है।
आवागमन और ठहरने की सुविधा
लैंडोर का नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून (35 किमी) है। देहरादून आईएसबीटी और मसूरी बस स्टैंड से नियमित बसें उपलब्ध हैं। मसूरी से टैक्सी या लोकल वाहन से 10-15 मिनट में लैंडोर पहुंचा जा सकता है।
ठहरने के लिए यहां होमस्टे, गेस्टहाउस, हेरिटेज प्रॉपर्टी और रिसॉर्ट मौजूद हैं। शांत माहौल और पहाड़ी नजारों के बीच बजट से लेकर आरामदायक विकल्प मिलते हैं। पीक सीजन में अग्रिम बुकिंग जरूरी मानी जा रही है।
कुल मिलाकर, लैंडोर आज भी उन चुनिंदा जगहों में शामिल है, जहां समय थम-सा जाता है और हर कदम पर इतिहास, प्रकृति और शांति का अहसास होता है।
