00 राज्य सरकार अपनी ही बनाई नीतियों का पालन नहीं कर पा रही
कोरिया / जिले में मेें कई ऐसे विभाग हैं जहां लंबे समय से अधिकारी कर्मचारी जमे बैठे हैं।
अधिकारी व कर्मचारियों के एक ही जगह जमा रहने के कारण विभागीय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। हैरत वाली बात तो यह है कि कई ऐसे अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जो 7 से 8 वर्षों से एक ही टेबल पर जमे हैं। जिससे शासन के योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी गंभीर लापरवाही साफ देखी जा सकती है।
आपको बता दे कि कोरिया जिले में पटवारी और ग्राम पंचायत सचिवों की कुर्सी की जड़े भी बहुत मजबूत है, शासन के लाख प्रयास के बाद भी ऐसे कर्मचारी टस से मस नही होते। कई सचिव तो जिले में ऐसे है जो वर्षो से एक ही पंचायत में डेरा टिकाये हुए है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद पंचायत के सारे प्रतिनिधि बदल गए लेकिन जिला प्रशासन के उदाशीनता के कारण आज पर्यन्त तक कई पंचायत सचिव वहीं के वही है। बात अगर शासकीय नियमों की करे तो कोई भी पटवारी अपने गृह तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायतों में सेवा नही दे सकता। वाबजूद इसके अपने पहुंच और सेटिंग के कारण कई पटवारी अपने गृह तहसील में ही सेवा दे रहे है।
जिले में संवेदनशील कई ऐसे विभाग हैं जहां ऐसे कई कर्मचारी हैं जो शुरू से ही यहीं जमे हुए हैं।
बता दे कि शासकीय विभागों में पदस्थ रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को एक जगह से दूसरे जगह स्थानांरित इसलिए किया जाता है कि जब उनको एक ही जगह पर अधिक समय हो जाता है तो लोगों से बने संबंधों को लेकर वह शासन की योजनाओं का आमजन को लाभ देने में भेद भाव पूर्ण रवैया ना अपना सकें।
जहां एक और राज्य शासन द्वारा थोक में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे हैं।
वहीं कोरिया जिले में लगभग सभी कार्यालयों में पदस्थ शासकीय कर्मचारी एवं अधिकारी कई वर्षों से अंगद के पैर की तरह कई कार्यालयों में जमे हुए हैं। ब्लॉक मुख्यालय के शासकीय कार्यालयों में भृत्य से लेकर ए ग्रेड के अधिकारी तक सालों से एक ही कार्यालयों में पदस्थ हैं।
जबकि शासन के नियमानुसार किसी शासकीय अधिकारी कर्मचारी को तीन वर्षों से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं किया जा सकता, लेकिन ऐसा लगता है कि राज्य सरकार अपनी ही बनाई नीतियों का पालन नहीं करती।