रायपुर / स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा स्वाईन फ्लू के लक्षण होने पर तत्काल सरकारी अस्पतालों में जांच एवं इलाज कराने को कहा गया है। स्वाईन फ्लू का इजाल संभव है, इससे घबराना नहीं चाहिए। स्वाईन फ्लू के त्वरित जांच एवं उपचार के लिए प्रभावित इलाकों के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिाकरी को निर्देश दिए गए है।
स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि स्वाईन फ्लू श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला संक्रामक रोग है। स्वाईन फ्लू का उपचार संभव है। स्वाईन फ्लू इंफ्लूयेंजा ए एच1 एन1 के कारण होता है। बचाव एवं सुरक्षा करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। छींकते एवं खांसते समय मुंह को रुमाल अथवा कपड़े से ढंकना चाहिए। नियमित रुप से दिन में कई बार हाथों को साबुन/साफ पानी से धोना चाहिए। बुखार, खांसी, जुकाम, छींक, गले में खराश, आंखों में लाली, सांस लेने में कठिनाई के लक्षण वाले व्यक्ति से कम से कम एक मीटर दूरी बनाकर रखना चाहिए। उपयोग न करने वाली कचरा आदि सामग्री का उचित निस्तरण करना चाहिए।
स्वाईन फ्लू के लक्षण – बुखार, खांसी, जुकाम, छींक, गले में खराश, आंखों में लाली, सांस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत नजदीक के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र मेे संपर्क कर पूर्ण उपचार कराना चाहिए। फ्लू के लक्षण पता चलने पर घर पर ही रहें, स्कूल, कार्यालय अथवा भींड़ वाले स्थानों में नहीं जाना चाहिए। स्वाईन फ्लू से ग्रसित व्यक्तियों को बचाव के उपायों और इलाज के तरीकों का पालन करना चाहिए। इससे संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है। हांथ मिलाना, गले लगना आदि से बचना चाहिए तथा बिना हांथ धोये अपनी आंख व मुंह तथा नाक को नहीं छुना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के टोल फ्री नं. 104 पर संपर्क करना चाहिए।
