नई दिल्ली/रायपुर।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई की जांच का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सहयोगी चैतन्य बघेल को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। दोनों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दे दी।
भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी से सुरक्षा और FIR को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा —
“एक ही याचिका में गिरफ्तारी से लेकर केस खारिज करने तक की पूरी राहत नहीं मांगी जा सकती। हाईकोर्ट किस उद्देश्य से हैं?”
कोर्ट की डबल बेंच — न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची — ने याचिकाकर्ता को उचित प्रक्रिया अपनाने और पहले हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया।
चैतन्य बघेल की सुप्रीम कोर्ट याचिका भी खारिज, हाईकोर्ट जाने के निर्देश
शराब घोटाले में आरोपी चैतन्य बघेल ने गिरफ्तारी को “अवैध” ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी। वरिष्ठ अधिवक्ताओं अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल और विवेक तनखा ने उनकी पैरवी की, लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और उन्हें भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी।
इधर रायपुर में ईडी की विशेष अदालत ने चैतन्य बघेल को फिर से भेजा न्यायिक हिरासत में
रायपुर स्थित ईडी की विशेष अदालत में सोमवार को चैतन्य बघेल को पेश किया गया। इससे पहले वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में थे। अदालत ने ईडी की मांग पर उन्हें दोबारा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
अब उन्हें अगली बार 18 अगस्त को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ईडी को आदेश दिया गया है कि वह 7 दिनों के भीतर चालान दाखिल करे।
करोणों के शराब घोटाले में बड़ा नाम
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ में हुए हजारों करोड़ के शराब घोटाले से जुड़ी है। ईडी का दावा है कि बघेल इस पूरे सिंडिकेट में एक अहम कड़ी थे। इससे पहले ईडी कई अफसरों और व्यापारियों को गिरफ्तार कर चुकी है और इस मामले में लगातार कार्रवाई जारी है।