दिल्ली / भारत की विशिष्ट पहचान पत्र वाली ‘आधार’ योजना की सफलता से विश्व बैंक काफी प्रभावित है। वह इसके अनुभवों का लाभ अफ्रीकी महाद्वीप सहित अन्य देशों में पहुंचाने का विकल्प तलाश रहा है।
भारत के विकास की कहानी में डिजिटल तकनीक का विकास एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। भारत में करीब 10 में से 8 लोगों के पास मोबाईल फोन हैं और तेज़ी के साथ डिजिटल तकनीक लोगों तक पहुंच रही हैं। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल तकनीक के चलते भारत में विकास दर को बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है। साथ ही इससे रोजगार के नये अवसर पैदा होने और सार्वजनिक सेवाओं के बेहतर इस्तेमाल में भी फायदा मिल रहा है।
‘वर्ल्ड डेवलपमेन्ट रिपोर्ट 2016 डिजिटल डिवीडेन्टस’ के नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत की विशिष्ट पहचान पत्र वाली ‘आधार’ योजना की सफलता से विश्व बैंक काफी प्रभावित है और डिजिटल भारत कार्यक्रम की उसने जमकर प्रशंसा की है। विश्व बैंक की इस ताज़ा रिपोर्ट में दुनिया भर में भारत की सूचना प्रोधोगिकी से सम्बन्धित सेवाओं और डिजिटल भारत की शुरुआती सफलता को अपनी मान्यता प्रदान की गई है।
भारत, वर्तमान में सूचना और संचार तकनीक यानी आईसीटी सेवाओं और कुशल श्रम शक्ति का विकासशील दुनिया में एक बड़ा निर्यातक देश है। आज बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग यानी बीपीओ इंडस्ट्री में लगभग 31 लाख लोगों को रोज़गार हासिल हैं जिनमें से 30 प्रतिशत महिलाएं हैं। आधार के ज़रिए मनरेगा के लाभार्थियों को मिलने वाले भुगतान के समय में पहले के मुकाबले 29 प्रतिशत समय की बचत हुई है और भुगतान में लीकेजेस को दूर करने में 35 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है।
हालांकि भारत में बड़ी तादाद आफ लाइन लोगों की हैं बावजूद इसके दुनिया में इन्टरनेट इस्तेमाल करने वाले देशों में भारत का तीसरा स्थान है जो फिल्हाल अमेरिका और चीन से पीछे है।