कोरिया / हजरत बाबा भोलनशाह वली रहमतुल्लाहअले की मजार पर लगने वाले उर्स में देश के कौने – कौने से हजारों लोग हर वर्ष चादर चढाने आते है, ऐसा कहते है की बाबा भोलनशाह की मजार पर सच्चे मन से जाकर यदि कोई मन्नत मागता है तो वह अवस्य ही पूरी होती है और यही कारण है की सालाना लगने वाले उर्स का यह लगभग 63 वाँ वर्ष है और पिछले 63 वर्षो से लगातार यह मजार आपसी भाईचारे और लोगो के असीम आस्था का केंद्र भी बना हुआ है इस मजार की एक और भी कहानी लोगो में सुमार है की यहाँ हर धर्म के लोग अपनी मुरादे मांगने मजार तक पहोचते है और उर्स दौरान मजार पर पहला चादर एक हिन्दू यादव परिवार के द्वारा चढाया जाता है।
इस बार भी हजरत बाबा भोलनशाह वली रहमतुल्लाहअले की मजार में उर्स कमिटी ने यह जोरदार आयोजन रखा जिसमे देश के कौने – कौने से हजारों लोगो ने मजार पर पहोच कर हर वर्ष की तरह मजार पर चादर चढाई और मनोकामनाए मांगी। उर्स के पहले दिन बाजे-गाजे और पटाखों के साथ विशाल जुलुस में हजारों लोगो के उपस्थिति में विशाल यादव परिवार के सदस्य द्वारा चादर पोशी की गई। हजरत बाबा भोलनशाह की मजार में पहला चादर रामदेव यादव के परिवार के बच्ची यादव द्वारा चढाया गया और हमेशा की तरह इसके बाद अंजुमन कमेटी सोनहत व अंजुमन कमेटी बैकुंठपुर का चादर मजार में चढ़ाया गया और उसके बाद ही अन्य मन्नतदारो की चादरे चढ़ाई है।
मशहूर है किवदंतियाँ –
स्थानीय लोगो के जहन में हजरतबाबा भोलनशाह वली रहमतुल्लाहअले और मजार के बारे में कई किवदंतीय मशहूर है जिनमे लोगो का कहना है की कई वर्ष पूर्व सोनहत ग्राम बेलिया निवासी रामदेव यादव को भोलन शाह की सवारी आती थी और फिर एक बाबा भोलनशाह रामदेव यादव के सपने में आये और उसी दौरान रामदेव यादव ने बाबा से एक बच्चे की मन्नत मांगी। मन्नत पूरी होने पर रामदेव यादव ने बाबा बोलन शाह की टूटी-फूटी झोपडीनुमा माजर को पक्का कराया और सबसे पहली चादर उस पर चढ़ाई. तब से लेकर आज तक रामदेव यादव परिवार की ही पहली चादर बाबा बोलन शाह की माजर पर चढ़ती है….कुछ लोगो का यह भी मानना है बाबा भोलनशाह इसी माजर में ही रहा करते थे दिन दुखियो की सदेव मदद भी किया करते थे कई बार उन्हे लोगो ने मजार की स्थान पर ही घोड़े पर सवार देखा था।
दुकानें सज गई –
उर्स को लेकर माजर परिसर में चादरे, खिलौने, क्राकरी, मनीहारी आदि की दुकानें सज चुकी हैं मजार स्थल को रोशनी से सजाया गया है ।
कब्बाली का भी आयोजन –
जिले के सोनहत विकासखंड में स्थित हजरत बाबा भोलनशाह वली रहमतुल्लाहअले की मजार पर पिछले 63 वर्षो से लगातार 03 दिवसीय उर्स का आयोजन किया जाता है पहले दिन चादर पोशी और बाकी शेष दो दिनों तक यहाँ कब्बाली का भी आयोजन किया जाता है. जिसे सुनने दूर-दूर से लोग हर वर्ष आते है।
