खास रिपोर्ट – विजय शर्मा
कोंडागांव / विश्वसनीय छत्तीसगढ़ की ये अविश्वसनीय तस्वीर कैसी है ? अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के दावे और तमाम समस्या शिविर, सुराज, जनदर्शन से लेकर मुख्यमंत्री के दर्शन तक से भी आखिर क्यों नहीं सुलझी इस 30 गांवों की समस्या ? क्या सरकार एक पुल नहीं बन सकती। आजादी के बाद से कई सरकारे बदल गयी पर 30 गांवों के 11 हजार से अधिक लोगों की तस्वीर नही बदल सकी। लाख हाथ पैर मार कर भी जब इनके सपने साकार न हुआ तो ग्रामीणों ने स्वयं लकड़ी का पुल तैयार कर लिया है या यूं कहें जुगाड़ तैयार कर लिया। मगर इस जुगाड़ से मात्र दुपहीया वाहन और पैदल यात्री ही आवागमन कर सकते है।
अस्पताल न स्कूल –
बारदा नदी के उस पार के गावों में विकास के नाम पर महज प्राथमिक और मिडिल स्कूल है। हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल ईरागांव में होने से पढ़ाई के लिये इन्हें नदी पार का सफर तय करना पड़ता है तभी आगे की पढ़ाई हो पाती है। अगर कोई बिमार पड़ जाये तो भी सबसे बढ़ी समस्या नदी ही हैं, बरसात के दिनों में लकड़ी का पुल कभी कमजोर दिखाई पड़ता है तो कभी बह भी जाता हैं, नहीं बहता है तो पानी लकड़ी के पुल से उपर होे जाने से 30 गांव के लोग ईरागांव तक नहीं पहुंच पाते हैं। बच्चे भी बरसात के दिनों पुल पार नहीं कर पाते हैं, जिससे कई दिन तक उनकी छुट्टी हो जाती है ।
सरकार को सब है पता –
सरकार को अच्छे से पता हैं कि कोण्डागावँ जिले के केशकाल ब्लाक के ईरागांव थाना अन्तर्गत कारागांव, उमला, गद्दाड़, चूरेगांव, सावलवाही, डूण्डाबेड़मा, बुयकी जुगानार, बिंझे, कलेपाल, पराली, कानागांव, कोरगांव, बाड़ागांव, तुर्की के अलावा कई गांव में बरसात के दिनों में राशन नहीं पहुंचाया जा सकता हैं, इसके लिए इन गांव में 4 माह का राशन पहले हीं छोड़ दिया जाता हैं। क्योंकि इन बारिश के महीनों में इस नदी के पानी के वजह से गावँ से शहर का सपंर्क टुट जाता है।
स्वास्थ सेवाओं का हाल बुरा –
सबसे ज्यादा दिक्कत होती है इन चार माह में ना कोई अस्पताल न कोई स्वास्थ्य कर्मी अगर तबीयत खराब हुई तो इस लकड़ी के बपने पुल से पार कर सके तो ठीक वरना गांव में ही उपचार को मजबूर हो जाते है। यही कारण है की झाड़फुंक के भरोसे ही ग्रामीणों को हमेशा दो चार होना पड़ता है।
आर के गर्ग कार्यपालन अभियंता – प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लम्बे समय से यंहा पूल की मांग हो रही है उसी मार्ग पर सड़क का निर्माण भी हो रहा है हमने वह बरदा नदी पर पूल बनाने शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा है इस का प्रकलन भी तयार है मंजूरी मिलते ही कम शुरू हो जायगा।