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नोनी सुरक्षा योजना: छत्तीसगढ़ में पौने तीन साल में 39 हजार से ज्यादा बेटियों का हुआ पंजीयन, खाता खोलकर हर साल पांच हजार रूपए जमा किए जा रहे हैं अब बेटीयों के नाम

रायपुर / नोनी सुरक्षा योजना के तहत छत्तीसगढ़ में पौने तीन साल में 39 हजार 870 बेटियों का पंजीयन किया गया है।

यह योजना राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक अप्रैल 2014 से शुरू की गई है। योजना के तहत बेटियों के नाम पर भारतीय जीवन बीमा निगम में खाता खोलकर हर साल प्रत्येक बेटी के लिए पांच हजार रूपए जमा किए जा रहे हैं। यह राशि पांच साल तक जमा की जाएगी। बेटी के 18 वर्ष तक विवाह नहीं होने पर तथा 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूर्ण होने पर उन्हें एक लाख रूपए मिलेंगे। यह योजना गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों के लिए है। योजना में उन बेटियों को शामिल किया जा रहा है, जिनका जन्म एक अप्रैल 2014 को या उसके बाद हुआ है। प्रत्येक गरीब परिवार की दो बेटियों का पंजीयन इसमें किया जा रहा है। योजना का मुख्य उद्देश्य बालिका भ्रूण हत्या रोकने, बेटियों के जन्म के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच लाने, बेटियों के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने, बाल विवाह की रोकथाम और उनके शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि योजना शुरू होने से अब तक राजनादगांव जिले में तीन हजार 748 बेटियों, रायपुर जिले में दो हजार 703 बेटियों, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में दो हजार 525 बेटियों, महासमुंद जिले में दो हजार 499 बेटियों, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में दो हजार 456 बेटियों, जांजगीर-चांपा जिले में दो हजार 243 बेटियों, दुर्ग जिले में दो हजार 428 बेटियों, बालोद जिले में दो हजार 202 बेटियों और रायगढ़ जिले में दो हजार 033 बेटियों का पंजीयन किया गया है। बिलासपुर जिले में एक हजार 751 बेटियों, सरगुजा जिले में एक हजार 461 बेटियों, मुंगेली जिले में एक हजार 557 बेटियों, धमतरी जिले में एक हजार 349 बेटियों, कोरबा जिले में एक हजार 377 बेटियों, कबीरधाम जिले में एक हजार 374 बेटियों, जशपुर जिले में एक हजार एक सौ बेटियों, कोरिया जिले में एक हजार 033 बेटियों, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में 977 बेटियों, बस्तर जिले में 927 बेटियों, गरियाबंद जिले में 848 बेटियों, कोण्डागांव जिले में 774 बेटियों, बेमेतरा जिले में 733 बेटियों, सुकमा जिले में 608 बेटियों, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले में 583 बेटियों, सूरजपुर जिले में 506 बेटियों, नारायणपुर जिले में 93 बेटियों और बीजापुर जिले में 82 बेटियों का पंजीयन किया गया है।

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