नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर फैसला लिया गया, इन फैसलों को सबका साथ सबका विकास पर अमल करते हुए देश के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने के संकल्प को आगे बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।
देश के कुछ पिछड़े और अति पिछड़े इलाकों में विकास की रफ्तार पहुंचाने के लिए मंगलवार को कैबिनेट ने अहम फैसले लिए। इन फैसलों के तहत बुंदेलखंड से लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों में रेलवे का विस्तार और यूपी तथा बिहार के कुछ दूर-दराज के इलाकों में रेल नेटवर्क का विस्तार कर लोगों को राहत पहुंचाने का काम शामिल हैं। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में रेलवे से जुड़े जो फैसले लिए हैं, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश एवं ओडिशा में 11,661 करोड़ की लागत के 6 प्रोजेक्ट्स द्वारा 881 किमी रेलवे लाइन का कार्य होगा, जिससे 211 लाख मानव दिवस के बराबर रोजगार का सृजन होगा।
कैबिनेट के फैसलों की बात करें, तो बिहार के मुजफ्फरपुर-सगौली व सगौली-वाल्मिकी नगर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण व दोहरीकरण होगा। 100.6 किलोमीटर और 109.7 किलोमीटर की इन दोनों परियोजनाओं पर 2729.1 करोड़ रुपये लगेंगे। इससे ट्रेनों को तेज गति मिलेगी, कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तथा इसके साथ-साथ ईंधन आयात पर निर्भरता भी कम होगी।
इसके अलावा 116.95 किलोमीटर लम्बे भटनी-औंड़िहार रेलवे लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण होगा। 1300.9 करोड़ रुपये की लागत से यह काम 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है। इससे मुगलसराय व इलाहाबाद के बीच रूट के कंजेशन को कम करने के साथ ही वाराणसी को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही इससे बिहार, पश्चिम बंगाल व उत्तर-पूर्व जाने वाले यात्रियों को लाभ पहुंचेगा।
कैबिनेट ने 425 किलोमीटर लंबी झांसी-माणिकपुर और भीमसेन-खैरार लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण को मंज़ूरी दी है। 4955.72 करोड़ से ये काम 2022-23 तक पूरा होने की संभावना है। परियोजनाएं झांसी, महोबा, बांदा, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम और मध्य प्रदेश के छतरपुर जिलों को कवर करेंगे। इससे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से कनेक्टिविटी देने के साथ ही, खजुराहो के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगा। इससे उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का विकास होगा।
इसके अलावा 130 किलोमीटर लंबी जैपोर-मलकानगिरी नई लाइन परियोजना के 2676.11 करोड़ की लागत से 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है। यह परियोजना ओडिशा के कोरापुट और मलकानगिरि के जिलों को कवर करेगी। नक्सलवाद प्रभावित मलकानगिरि और कोरापुट जिलों में इस योजना से न केवल बुनियादी ढांचे का विकास होगा, बल्कि नक्सलवाद पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही रोजगार का सृजन होगा और पूरे इलाके में विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
साथ ही भारत और मोरक्को के नेशनल रेलवे कार्यालय के बीच सहयोग के समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग और साझेदारी विकसित की जाएगी. सहयोग समझौते पर 14 दिसंबर, 2017 को हस्ताक्षर किए गए थे। रेल के साथ ही राजमार्ग के विस्तार को भी गति देते हुए सरकार ने कर्नाटक में हाईब्रिड एन्यूइटी मोड के 74.200 किलोमीटर से 135.304 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग-275 के नीदागट्टा-मैसूरु सेक्शन को छह लेन करने की मंज़ूरी दे दी है। करीब 61 किलोमीटर को छह लेन का बनाने पर 2919.81 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।
सबका साथ, सबका विकास के नारे पर अमल करते हुए देश के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है। आज के फैसले इसी संकल्प को और आगे बढ़ा रहे हैं।
