** अमित ने मुख्यमंत्री को लिखा कड़ा पत्र
** ओडिशा, आंध्रा और तेलंगाना द्वारा बनाये जा रहे बांधों से तीन तरफ से डूब रहा है बस्तर
** बस्तर की नदियां सूखती जा रही हैं, इंद्रावती नदी से बस्तर को मिलने वाले जल में हुई 25%की कमी
** विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित होने के बाद भी सरकार ने पोलावरम बाँध के सन्दर्भ में कुछ नहीं किया
** यदि बस्तर को डूबने से नहीं बचाया तो बस्तर की जनता हमें कभी माफ़ नहीं करेगी
रायपुर / बस्तर के लोगों पर आज अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस गंभीर विषय पर मरवाही विधायक अमित जोगी ने मुख्यमंत्री को कड़ा पत्र लिखा है।
अपने पत्र में विधायक अमित जोगी ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि अन्य राज्यों द्वारा बनाये जा रहे बांधों की वजह से आज बस्तर तीनों तरफ से डूब रहा है- पूरब में उड़ीसा में सबरी में तीन-तीन बांध बन रहे है, इन्द्रावती में दो बांध बन रहे हैं। दक्षिण में आंध्रा में पोलावरम में बाँध बन रहा है। पश्चिम में तेलंगाना में गोदावरी में देव दुल्ला और सुजला सृवंति में बाँध बन रहे हैं। जोगी ने आगे लिखा है कि बस्तर जिले के कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी है कि यदि ये बाँध बन जाते हैं तो बीजापुर के 40 गाँव डूब जायेंगे। वैसे ही पोलावरम बाँध बन जाने से सुकमा और कोंटा के गाँव जलमग्न हो जाएंगे। लेकिन बहुत दुःख कि बात है कि इन सबके बावजूद सरकार ने आज तक इन बांधो के विरोध में कुछ नहीं किया और बस्तर को डूबने के लिए छोड़ दिया है।
बस्तर को मिलने वाले जल में लगातार हो रही कमी पर चिंता जताते हुए अमित जोगी ने लिखा है कि बस्तर की नदियाँ सूखती जा रही हैं; रमन सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि इंद्रावती नदी से बस्तर को मिलने वाले जल में पिछले 2 वर्षों में 25% की कमी आयी है। उडीसा 6-6 बाँध बनाकर बस्तर के हिस्से के पानी को रोक रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। पोलावरम बाँध के सन्दर्भ में अमित जोगी ने लिखा है कि 2 वर्ष पूर्व पोलावरम बाँध के सन्दर्भ में विधानसभा में अशासकीय संकल्प स्वीकृत हुआ था कि छत्तीसगढ़ की हितों की रक्षा के लिए बाँध का अधिकतम डुबान स्तर 150फ़ीट रखा जाए। लेकिन सरकार ने इसके बाद इस ओर कुछ भी नहीं किया है।

पत्र के अंत में अमित जोगी ने कहा है कि इन वजहों से आज बस्तर के लोगों पर अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते अमित जोगी ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर तत्काल संज्ञान लेकर बस्तर को डूबने से बचाएँ अन्यथा बस्तर की जनता हमें कभी भी माफ़ नहीं करेगी।
