नयी दिल्ली / आयकर विभाग ने कर नहीं चुकाने वालेऐेसे 24 व्यक्तियों और इकाइयों की सूचना जारी की है जो या तो फरार हैं या जिन्होंने धन सम्पत्ति के अभाव में कर चुका पाने में असमर्थता प्रकट की है। इन पर लगभग 490 करोड़ रुपये का कर बकाया है।
विभाग ने चूककर्ताओं को लज्जित करने की नीति के तहत प्रमुख राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन देकर उनके नाम सार्वजनिक किये हैं। दिल्ली में प्रधान आयकर महानिदेशक की तरफ सेप्रकाशित नोटिस में उनको तत्काल बकाया कर के भुगतान की सलाह दी गयी है। इस सार्वजनिक घोषणा में कंपनी या व्यक्ति की पहचान, कंपनी के निदेशकों और उनके भागीदारी, कंपनी के गठन की तारीख( व्यक्तियों के संदर्भ में जन्म तिथि), उनके स्थायी खाता संख्या या कर कटौती खाता संख्या( टीएएन), उनके रिकार्ड में दर्ज पते, बकाया कर, आकलन वर्ष तथा संबंधित आयकर प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र का जिक्र किया गया है। ये चूककर्ता कंपनियां खाद्य प्रसंस्करण, सर्राफा कारोबार, साफ्टवेयर, रीयल एस्टेट और इनगॉट विनिर्माता आदि से जुड़ी हैं।
सर्वाधिक 86.27 करोड़ रुपये का बकाया दिल्ली की कंपनी मेसर्स स्टाक गुरू और उसकी भागीदार लोकेश्वर देव पर है। नोटिस में कहा गया है कि चूककर्ता का कोई पता नहीं है और कर भुगतान के लिये संपत्ति भी अपर्याप्त है। इन कंपनियों पर बकाया आकलन वर्ष 2009-10 और 2010-11 के हैं। सूची में शामिल कुछ चूककर्ताओं ने आकलन वर्ष 1989-90 के लिये कर का भुगतान नहीं किया।
कोलकाता के अर्जुन सोनकर के ऊपर 51.37 करोड़ रुपये का बकाया है और उसका भी कोई पता नहीं है। उसके बाद कोलकाता के ही किशन शर्मा का नाम है जिन पर 47.52 करोड़ रुपये का बकाया है। कुल 24 इकाइयों पर कर बकाया है। ये इकाइयां अहमदाबाद, गुवाहाटी, विजयवाड़ा, नासिक, सूरत, दिल्ली, वडोराा, कोलकाता तथा अन्य शहरों के हैं। इन सभी पर कुल मिलाकर 490 करोड़ रुपये का कर बकाया है।
