कोरिया / बारिश काे देखते हुए रेत खदानों से खनन को लेकर शासन के कई गाइडलाईन है। फिलहाल शासन के नियम शायद कोरिया जिले में प्रभावी रूप से लागु नहीं होते यही वजह है की रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध खनन कर रहे हैं और खनिज विभाग उन्हें पीट पास जारी कर रहा है।
इस मामले को हम यु भी कह सकते है की खनिज, राजस्व विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते शासन को राेज राजस्व तो नदियों से खनिज संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
आपको बता दे की नदी-नाला किनारे से बारिश के सीजन में रेत उत्खनन व परिवहन पर रोक लगाई गई है। लेकिन दूसरी ओर अंधेरे में नदी-नालों के किनारे रेत माफियाओं की अवैध घाट खुल जाती है। जहां से रातभर रेत परिवहन करके एक शहर से दूसरे शहर रेत की बिक्री की जाती है।
दरअसल प्रतिबंध लगने के बाद से ही रेत माफिया सक्रिय हो गए। एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने बारिश के सीजन में 15 जून से 30 सितंबर तक रेत के उत्खनन और भंडारण पर रोक लगाने के आदेश जारी किया है। जिसके मद्देनजर प्रशासन ने जिले के सभी रेतघाट पर रेत उत्खनन पर रोक लगा दी है। इसके तहत रेतघाट बंद हो चुके हैं। लेकिन दूसरी ओर इस प्रतिबंध का असर देखने को नहीं मिल रहा है। एक पखवाड़े बीतने के बाद भी सड़कों पर रेत से भरे ट्रैक्टर दौड़ते नजर आ रहे हैं।
सरकार बदली हालात नहीं बदले – जिला मुख्यालय से लगभग 130 किलोमीटर दूर जनकपुर का कोटाडोल इलाका जहाँ की रेत खदानों में अवैध रूप से रेत उत्खनन जारी जा है। इससे पहले प्रदेश में रमन राज रहा तब भी इस इलाके में अवैध रेत उत्खनन का मामला सुर्खियों था और अब जब प्रदेश में भूपेश राज है तब पर भी यही हाल दिखाई दे रहा है। सूत्रों की माने तो दोनों शासनकाल में मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों द्वारा ही इस अवैध काम को अंजाम दिया जा रहा है।
खनिज विभाग शामिल – इस पुरे मामले में कोरिया जिले का खनिज विभाग मामले से अछूता नहीं है। बारिश पर परिबंध के वावजूद मोटी रकम के एवज में विभाग पीट पास देने का काम कर रहा है। अभी पिछले सप्ताह ही 35 से 40 पीट पास बुक खनिज विभाग ने इनको जारी किया है।
