- मंत्रिमंडल के साथ राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री ने सौंपा राज्यपाल को ज्ञापन, कहा- राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है छापे
- छत्तीसगढ़ शासन की अनुमति के बिना केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती असंवैधानिक और संघीय ढांचे के खिलाफ
रायपुर / राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर में जारी इनकम टैक्स की कार्रवाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह सरकार को अस्थिर करने की साजिश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना छत्तीसगढ़ शासन की अनुमति के केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई। यह असंवैधानिक और संघीय ढांचे के खिलाफ है।
आपको बता दे कि पिछले 24 घंटे से भी ज्यादा समय से रायपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी है। इसमें आईएएस अधिकारी सहित, कांग्रेस के नेता और राज्य सरकार के करीबी शामिल हैं।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- राज्य सरकार को इस कार्रवाई के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई। यह राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कभी किसी कार्रवाई से रोका नहीं है। फिर इस तरह से बिना जानकारी दिए, स्थानीय पुलिस को भरोसा में लिए कार्रवाई करना जाहिर तौर पर दुर्भावनापूर्ण है।
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि मीडिया से जानकारी मिली है कि रायपुर में कथित तौर पर आयकर के छापे पड़े हैं। इनमें मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं। जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है यह छत्तीसगढ़ सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित सीधे हमले की तरह लग रही है। विडंबना है कि छत्तीसगढ़ सरकार को अभी तक सूचना भी नहीं दी गई है कौन सी एजेंसी छापा डाल रही है। बिना अनुमति अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। यह दबाव बनाने के लिए कार्रवाई लग रही है।
मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया है कि पूर्व की भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की सरकार जांच कर रही है। लगातार कई मामले में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इसी बौखलाहट में केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रही है। इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र पर हमला है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग या जगदलपुर हो, सब जगह रात में इतनी सारी गाड़ियां घूम रही हैं। कानून व्यवस्था देखने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है। हमने आपत्ति नहीं की है, लेकिन संबंधित एसपी को कम से कम खबर देना चाहिए था।
