Sports Bulletin / कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स को लेकर भारतीय कुश्ती फेडरेशन बेहतर प्रदर्शन के लिए अपने पहलवानों को तैयार करने में जुटा है और इसके लिए कई बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना है. इस कड़ी में एक बड़ा टूर्नामेंट है एशियन चैंपियनशिप. इस टूर्नामेंट में किन पहलवानों को भेजा जाएगा, उसके लिए ट्रायल्स गुरुवार 24 मार्च से शुरू हो गए. लेकिन पहले ही दिन फेडरेशन ने गीता फोगाट जैसी बड़ी पहलवान और उभरती हुई स्टार निशा दहिया समेत 10 पहलवालों को ट्रायल से रोक दिया. ये फैसला अनुशासनहीनता को लेकर आया है.
फेडरेशन ने कड़ा रुख अपनाते हुए अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता निशा दहिया, गीता फोगाट और कुछ नई उभरती हुई खिलाड़ियों के खिलाफ ये कार्रवाई की. समाचार एजेंसी पीटीआई की जानकारी के मुताबिक, जिन पहलवानों को रोका गया उन्होंने या तो लखनऊ में राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा नहीं लिया था या बहाने बनाकर दो दिन में शिविर छोड़ दिया था. शिविर नौ फरवरी से शुरू हुआ था. एशियाई चैंपियनशिप मंगोलिया में 19 से 24 अप्रैल तक होनी है और महिला पहलवानों का ट्रायल शुक्रवार को लखनऊ के साई (भारतीय खेल प्राधिकरण) केंद्र में होना है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि निशा सहित बाकी पहलवानों ने छूट देने का अनुरोध किया था लेकिन फेडरेशन ने नरम रवैया नहीं दिखाया. निशा 65 किलो ग्राम भार वर्ग में भाग लेती है. वह हाल में तब चर्चा में आयी थी जब हरियाणा में उनकी हत्या की खबर सामने आयी थी जो फर्जी निकली थी. जिन अन्य पहलवानों को राष्ट्रीय शिविर से बाहर किया गया उनमें हनी कुमारी (50 किग्रा), अंकुश (53 किग्रा), अंजू (55 किग्रा), रमन (55 किग्रा), गीता फोगाट (59 किग्रा), भटेरी (65 किग्रा), प्रियंका (65 किग्रा), नैना (68 किग्रा) और पूजा (76 किग्रा) शामिल हैं. इनके अलावा भटेरी, अंजू और हनी ने भी डब्ल्यूएफआई से ट्रायल में भाग लेने की अनुमति मांगी थी लेकिन महासंघ ने उनकी बात नहीं मानी.
वहीं अनुभवी पहलवान गीता फोगाट के चोटिल होने की खबर है. उन्होंने हाल ही में गोंडा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान वापसी की थी. वहीं अंजू के लिये यह मौका गंवाना बड़ा नुकसान है जो स्टार पहलवान विनेश फोगाट के भार वर्ग में एक विकल्प के रूप में उभर रही है. इनके अलावा सोनम मलिक के फिट नहीं होने और भटेरी और प्रियंका को ट्रायल में भाग लेने से रोके जाने के बाद रियो ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के लिए 65 किग्रा में भारतीय टीम में जगह बनाने के लिये ज्यादा संघर्ष नहीं करना होगा.
रेसलिंग फेडरेशन के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में चल रहे पुरुष ट्रायल्स से इतर पीटीआई से कहा, ‘‘हम पहलवानों से स्पष्टीकरण मांगेंगे कि वे राष्ट्रीय शिविर को गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं. एशियाई चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका चूकने से निश्चित तौर पर उन्हें सबक मिलेगा. हमारे दूसरी श्रेणी के पहलवान दमदार हैं और इसलिए हमने राष्ट्रीय शिविर में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिये यह कड़ा फैसला किया. हम अच्छे पहलवानों की संभावनाओं को खत्म नहीं करना चाहते हैं लेकिन उन्हें चीजों को हल्के से नहीं लेना चाहिए.’’