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अभिव्यक्ति संस्था के सहयोग हेतु मैं सदैव उपलब्ध हूँ- श्रीमती नविता शिवहरे


अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी में जिले के कवियों ने किया रचना पाठ

कोरिया / साहित्यिक सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के उत्थान के लिए जिला मुख्यालय में गठित संस्था अभिव्यक्ति की हर सम्भव मदद करने के लिए मैं हमेशा उपलब्ध रहूंगी। क्षेत्र में कई प्रतिभावान साहित्यकार हैं अभिव्यक्ति के माध्यम से सभी को आगे आने का अवसर मिलेगा ऐसा मुझे विश्वास है। उक्ताशय के विचार नगरपालिका बैकुंठपुर की प्रथम नागरिक श्रीमती नविता शिवहरे ने मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए। अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी में पधारी मुख्य अतिथि श्रीमती नविता ने सभी साहित्यकारों को नव संवत्सर और नवरात्र पर्व पर बधाई देते हुए कहा कि मुझे कविताओं को सुनना काफी अच्छा लगता है और जिस तरह से मुख्यालय में साहित्यिक रूप से उन्नत कार्यक्रम हो रहे हैं उससे निश्चित तौर पर आने वाले भविष्य में कई बड़े चेहरे निकलकर सामने आएंगे। उन्होंने सभी कवियों का उत्साहवर्धन करते हुए संस्था के सदस्यों की मांग के अनुरूप जिला मुख्यालय में स्थित नगरपालिका के ग्रंथालय को अभिव्यक्ति की साहित्यिक गतिविधियों के लिए प्रदान करने का आश्वासन दिया। जिला मुख्यालय स्थित आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महल पारा के प्रांगण में अभिव्यक्ति की मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। अतिथियों की उपस्थिति के बीच वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा सर्वप्रथम माँ वीणापाणि के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर आयोजन का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की सदस्य श्रीमती कविता मिश्रा, सुश्री अल्का मिश्रा एवं श्रीमती रीना जायसवाल ने सुमधुर वंदना से माँ को शब्द पुष्प अर्पित किए। आयोजक संस्था के प्राचार्य श्री राजीव लोचन त्रिवेदी ने सभी का स्वागत करते हुए गोष्ठी के आयोजन की रूपरेखा पर जानकारी प्रदान की। काव्यधारा का प्रारंभ सबसे पहले वरिष्ठ साहित्यकार श्री बी पी मिश्रा अनाम के द्वारा मां हंसवाहिनी के लिए स्वरचित स्तुति गीत से किया गया। इसके बाद चिरमिरी आत्मानन्द विद्यालय के प्राचार्य डॉ डी के उपाध्याय ने मुक्तकों के माध्यम से अपनी बात कही। नव संवत्सर के शुभ दिन का बखान करते हुए श्री त्रिवेदी ने अपने रचनाओं में पढ़ा कि आदि मध्य अरु अन्तहीन यह, कालचक्र चलता निर्बाध, नित्य सनातन और निरन्तर इसकी अविरलता का राज। चिरमिरी के साहित्यकार श्री हरिकांत अग्निहोत्री महर्षि ने नवरात्र के पावन पर्व पर अपनी कलम से कहा कि पावन दिवस यह,सुख शक्ति मन भरें, चले तो महर्षि सभी देश के विकास में। इसके बाद गजल के लिए अलग पहचान रखने वाले श्री शैलेंद्र श्रीवास्तव की प्रस्तुति हुई। उनकी प्रभावी पंक्तियाँ थीँ, नही ताज्जुब है इस कहानी पर, आग इतरा रही है पानी पर। पेशे से शिक्षक श्री राजेश पांडे ने माँ की स्मृतियों को समर्पित एक रचना का सस्वर पाठ कर सभी की आंखे नम कर दीं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार श्री योगेश गुप्ता की रचना जब मैं बच्चा था ने श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरीं। इस अवसर पर नव सम्वत्सर की महत्ता को बताते हुए श्री रुद्र मिश्रा ने कहा कि आओ हम मिलकर भारत का गौरवगान करें, सत्य सनातनी होने पर आओ फिर से अभिमान करें। इसके पश्चात सम्यक क्रांति अखबार के प्रबंध निदेशक श्री एस के रूप ने ग्राम्य जीवन में वनवासियों के जीवन का यथार्थ चित्रण नई कविता के तर्ज पर किया। विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती कविता मिश्रा ने इस अवसर पर पहली बार कविता पाठ कर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। मां की जीवटता का उद्घोष अपने शब्दों में करते हुए उन्होंने कहा कि अवसाद को भी वह प्रसाद समझ उपहार मानेगी। इसके साथ ही मंच का संचालन कर रही सुश्री अलीशा ने नए विचारों को स्थापित करते हुए कहा कि बीत गई जो बात पुरानी, नए वर्ष में नई पहल हो, मजहब हो इंसानियत, तभी मानव जीवन सफल हो। इसके पश्चात इस काव्य गोष्ठी में पधारे अतिथियों और साहित्यकारों का संस्था की ओर से रुद्र मिश्रा ने आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती नविता शिवहरे के साथ, महलपारा की पार्षद श्रीमती ममता, विद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष प्रशांत प्रताप सिंह, पार्षद श्रीमती अर्चना गुप्ता, अभिव्यक्ति के संस्थापक सदस्य आईसेक्ट सन्स्थान के प्रमुख नरेश सोनी, उदयप्रताप सिंह, पन्ना गोयन, आयुष नामदेव, अक्षत सिंह उपस्थित रहे।

आयोजन को सफल बनाने में आत्मानन्द विद्यालय परिवार के रीमा जायसवाल, अजीम अंसारी, अभिषेक अग्रवाल, रोहित जयसवाल, समीर मिनोचा, अर्पित तिग्गा, राजेश और सुश्री रंभा शिवनरेश का योगदान विशेष रूप से सराहनीय रहा।

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