दिल्ली / राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान करते वक्त इस बात पर जोर दिया है कि इस बार एक महिला आदिवासी राष्ट्रपति को मौका मिलना चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि देश को पहली बार आदिवासी समुदाय से एक राष्ट्रपति देने की तैयारी है. वे बताते हैं कि इस बार पूर्वी भारत से किसी को मौके देने पर सभी के बीच में सहमति बनी थी. हमने इस बात पर भी विचार किया है कि अभी तक देश को आदिवासी महिला राष्ट्रपति नहीं मिली हैं. ऐसे में बैठक के बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगाई गई है.
बीजेपी अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया है कि द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में लंबे समय तक शिक्षक के रूप में काम किया है. जिस प्रकास से सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे थे, वैसे ही द्रौपदी मुर्मू ने भी एक अहम भूमिका निभाई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा हैं कि, द्रौपदी मुर्मू जी ने अपना जीवन गरीबों की सेवा में निकाला है. उन्हें कई सालों का प्रशासनिक अनुभव है. मुझे पूरा विश्वास है कि वे एक बेहतरीन राष्ट्रपति साबित होंगी. उनके नाम का ऐलान कर पार्टी ने एक तरफ आदिवासी समुदाय को साधने का काम किया है तो वहीं दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण को लेकर भी संदेश दिया है.
मुर्मू ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा हैं कि, मैं हैरान भी हूं और खुश भी. उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वे राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाई जाएंगी.
कौन है द्रौपदी मुर्मू? आइए जानतें है…
द्रौपदी मुर्मू की बात करें तो वे देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनाई गई थीं. वे साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं. राज्यपाल का पद संभालने से पहले द्रौपदी मुर्मू बीजेपी की S.T. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रह चुकी है. इसके अलावा एक विधायक के रूप में भई द्रौपदी मुर्मू ने शानदार काम किया है. उन्हें साल 2007 में नीलकंठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. तब ओडिशा विधानसभा की तरफ से उन्हें वो अवॉर्ड दिया गया था.
