रायपुर/ 35 करोड़ की कंपनी को नीलामी में छह करोड़ रुपये में खरीदने के मामले में कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के तीन उद्योगपतियों पर धारा 420,406,120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस टीम जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए विशाखापट्टनम और दिल्ली जाएगी। सरस्वतीनगर पुलिस थाने की प्रभारी श्रुति सिंह ने बताया कि मामला पांच साल पुराना है।
गौरव ने कंपनी को नीलाम करने के लिए इसकी जानकारी व वैल्यूएशन रिपोर्ट नेशनल ट्रिव्यूनल में दाखिल किया। वहां से अनुमति मिलने के बाद कंपनी छह करोड़ में नीलाम हुई। फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनी को अनिल मल्होत्रा ने ही दूसरे नाम से खरीद लिया।
रिक्रिएशन क्लब रोड, चौबे कालोनी निवासी गौरव अग्रवाल (41) ने सेंट्रल बैंक सिविल लाइन शाखा से 22 करोड़ रुपये ऋण और 13 करोड़ रुपये खुद का लगाकर 35 करोड़ की लागत से विशाखापट्टनम में अल्बस इंडिया लिमिटेड उत्पादक कंपनी खोली थी। कंपनी फोरोक्रोम नामक मेटल का उत्पादन करती थीं। कंपनी का उत्पादन बढ़ाने गौरव ने दिल्ली की टफ मेटल्लर्जिकल प्रा.लि. कंपनी के डायरेक्टर अनिल मल्होत्रा, विकास जैन, अशोक गोस्वामी और अन्य से अनुबंध किया। शुरू में आरोपितों ने सौ टन फेरोक्रोम आपूर्ति का अनुबंध 140 रुपये प्रति किलो के भाव से किया।
रा मटेरियल की आपूर्ति कर 2.23 लाख रुपये का भुगतान भी किया। किंतु बाद में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर गौरव ने फेरोक्रोम की आपूर्ति न कर पाने की वजह से आरोपितों की कंपनी के 49 प्रतिशत शेयर गिरवी रखकर पांच करोड़ रुपये देने का अनुबंध कर लिया। इसके एवज में आरोपितों ने पर्सनल गारंटी के साथ अपनी कंपनी के बैंक खाते, कोरे चेक भी बतौर बंधक अपने पास रख लिए। धीरे-धीरे कंपनी घाटे में चली गई। आरोपितों ने अगस्त-2018 में गौरव की कंपनी को दिवालिया घोषित करवाने एनसीएलटी में आवेदन लगा दिया।
इसकी जानकारी मिलने पर गौरव ने रायपुर कोर्ट में अनिल मल्होत्रा, विकास जैन, अशोक समेत अन्य पर वाद दायर किया। गौरव ने वाद में बताया कि अनिल ने 35 करोड़ की कंपनी को कम वैल्यूएशन कराकर छह करोड़ कराने में अहम भूमिका निभाई थी। दायर वाद पर जेएमएफसी वैभव धृतलहरे ने सुनवाई उपरांत सरस्वतीनगर पुलिस को अपराध दर्ज करने के आदेश दिए।