नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि आज़ादी के बाद पहले प्रधानमंत्री ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को विवाह और तलाक के लिए लागू कर तुष्टिकरण की शुरुआत की थी। शाह ने यह भी कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड में UCC लागू किया है और हमारी सरकारें अन्य राज्यों में भी इसे लागू करेंगी। राज्यसभा में संविधान पर दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि यह मुद्दा संविधान को लहराने या भ्रमित करने का नहीं है, बल्कि यह विश्वास और श्रद्धा का सवाल है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना शाह ने तंज कसा, कहां कि 54 साल की उम्र में खुद को युवा कहने वाले नेता संविधान लेकर घूमते हैं और कहते हैं कि भाजपा संविधान को बदल देगी। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में बदलाव का प्रावधान आर्टिकल 368 के तहत पहले से मौजूद है। शाह ने यह भी कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने संविधान में संशोधन किए हैं, लेकिन भाजपा ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए, जबकि कांग्रेस ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए संशोधन किए। इससे दोनों पार्टियों का चरित्र साफ हो जाता है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर संविधान को लहराकर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए काका कालेलकर रिपोर्ट को दबाने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी थी।
वोट बैंक की राजनीति का आरोप
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अनुच्छेद 370 और ट्रिपल तलाक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते मुस्लिम महिलाओं के साथ वर्षों तक अन्याय हुआ। भाजपा ने तो ट्रिपल तलाक को समाप्त करके मुस्लिम माताओं और बहनों को उनका अधिकार दिलाया।