बिलासपुर। जिले में धर्मांतरण को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां संबलपुरी निवासी निगम कर्मी उत्तरा कुमार साहू ने सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उनकी शिकायत के अनुसार, पास्टर संतोष मोसेस और उनकी पत्नी अनु मोसेस जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे थे।
परिवार पर बनाया जा रहा था दबाव
शिकायतकर्ता उत्तरा कुमार साहू ने बताया कि उनके परिवार के अन्य सदस्य पहले ही ईसाई धर्म अपना चुके हैं, लेकिन वे स्वयं धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि पास्टर और उनकी पत्नी उनके परिवार के लोगों के माध्यम से उन पर मानसिक दबाव बना रहे थे और प्रभु के प्रकोप का डर दिखाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रहे थे।
बिलासपुर में बढ़ रहे हैं धर्मांतरण के मामले
सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर जिले में कई ऐसे इलाके हैं, जहां धर्मांतरण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें सिरगिट्टी, पचपेड़ी, बेलगहना, रतनपुर, सीपत, चिंगराजपारा, चांटीडीह, सकरी, हाफा, मोपका, घुरू, तिफरा, मन्नाडोल, मस्तूरी, लखराम और हरदीकला टोना प्रमुख हैं। बताया जा रहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर, बीमार और बेरोजगार वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है।
धर्मांतरण की रणनीति
जानकारों का कहना है कि पहले इन लोगों को चंगाई सभा में बुलाया जाता है, जहां उनके मन में धीरे-धीरे धार्मिक बदलाव की भावना भरी जाती है। इसके बाद मानसिक रूप से प्रभावित कर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश में राजनीति भी गरमा गई है।
- बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान धर्मांतरण को बढ़ावा मिला, जिसके कारण यह समस्या आज विकराल रूप ले रही है।
- कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सरकार से सवाल किया कि पिछले 13 महीनों से लंबित धर्मांतरण संशोधन विधेयक पर अब तक कोई निर्णय क्यों नहीं लिया गया?
प्रशासन की सख्त निगरानी आवश्यक
बढ़ते धर्मांतरण के मामलों को देखते हुए प्रशासन को सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे और किसी भी व्यक्ति पर उसके धार्मिक विश्वास को लेकर जबरदस्ती न हो।
