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छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा: पंचायत चुनावों पर गरमाई सियासत, विपक्ष का वॉकआउट

रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को पंचायत चुनावों में धांधली के आरोपों को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने जनपद और जिला पंचायत चुनावों के अचानक स्थगन को लोकतंत्र की हत्या करार दिया और सत्ता पक्ष पर चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। सदन में तीखी नोकझोंक के बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया और सरकार से तत्काल जवाब देने की मांग की।

“जनादेश को कुचला जा रहा है” – विपक्ष

कांग्रेस विधायकों अनिला भेड़िया, सावित्री मांडवी और द्वारकाधीश यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए पूछा कि “बिना किसी पूर्व सूचना के चुनाव क्यों स्थगित किए गए?” विपक्ष का आरोप है कि भाजपा सरकार ने उन क्षेत्रों में चुनाव कराए जहां उसे जीत की संभावना थी, लेकिन जहां हार का डर था, वहां चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “सत्ता पक्ष सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहा है। दुर्ग में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध कर दिया गया, और दो महिला उम्मीदवारों को विधायक के घर में बैठा दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है।”

विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन, सरकार बैकफुट पर

सदन में बढ़ते हंगामे के बीच विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया और नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में बैठक की। विपक्षी विधायकों को मनाने के लिए वित्त मंत्री ओपी चौधरी और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर पहुंचे, लेकिन विपक्ष सरकार से ठोस जवाब की मांग पर अड़ा रहा।

“विपक्ष झूठा हंगामा कर रहा” – भाजपा

सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने कहा, “भाजपा लोकतंत्र का सम्मान करती है। जनता ने जनादेश दे दिया है, लेकिन विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा। जब साय सरकार से नहीं निपट पा रहे, तो अब यह चुनावी नाटक कर रहे हैं।”

चुनावों को लेकर जारी रहेगा घमासान

जनपद और जिला पंचायत चुनावों को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहा है, तो सत्तापक्ष इसे खिसियाहट करार दे रहा है। इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच आने वाले दिनों में और टकराव देखने को मिल सकता है।

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