रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र मंगलवार को काफी हंगामेदार रहा। सदन में मुख्य रूप से आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी और ग्राम पंचायतों में महतारी सदन निर्माण को लेकर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर अनियमितताओं और भेदभाव का आरोप लगाया, वहीं सरकार ने अपनी सफाई पेश की।
आरक्षक भर्ती घोटाले पर बवाल
विधानसभा में कांग्रेस विधायक द्वारिकाधीश यादव ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में कथित गड़बड़ी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने सरकार से सीधे सवाल पूछे—
- पुलिस भर्ती में कितने जिलों से शिकायतें मिलीं?
- शिकायत करने वाले कौन-कौन हैं?
- क्या केवल आरक्षकों पर कार्रवाई करना सही है?
- क्या कोई आरक्षक अपने स्तर पर नियमों को प्रभावित कर सकता है?
- बड़े अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
- क्या सरकार इस मामले की CBI जांच कराने के लिए तैयार है?
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल छोटे पदों पर कार्यवाही की है, जबकि भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले बड़े अधिकारियों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
महतारी सदन निर्माण में भेदभाव का आरोप
सदन में ग्राम पंचायतों में महतारी सदन निर्माण का मामला भी गरमाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार से इस योजना को लेकर कई सवाल किए—
- वर्ष 2024-25 में कितनी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन निर्माण की स्वीकृति दी गई?
- कुल कितनी राशि जारी की गई?
- एक महतारी सदन की लागत कितनी निर्धारित की गई है?
- महतारी सदन के लिए ग्राम पंचायतों का चयन किस आधार पर किया गया— सेटेलाइट सर्वे के जरिए या राजनीतिक दृष्टिकोण से?
डॉ. चरणदास महंत ने सरकार पर भाजपा विधायकों को विशेष लाभ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि—
“राज्य में 193 महतारी सदनों की स्वीकृति दी गई, लेकिन इनमें से महज 5 कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में हैं, 4 गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायकों के क्षेत्र में और बाकी 185 भाजपा विधायकों के क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। यह सीधा-सीधा राजनीतिक भेदभाव है।”
सरकार की सफाई
इन आरोपों पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि महतारी सदन योजना पूरी पारदर्शिता के साथ लागू की जा रही है। पंचायतों का चयन निर्धारित मानकों के आधार पर किया गया है, और सभी विधायकों के क्षेत्र में योजनाएं स्वीकृत की जा रही हैं।
विजय शर्मा ने कहा—
“यह विपक्ष का बेवजह का आरोप है। महतारी सदन निर्माण में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है। पंचायतों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और यह योजना पूरी तरह से जरूरतमंद क्षेत्रों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।”
सदन में माहौल गर्माया, कार्यवाही स्थगित
विधानसभा में दोनों मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेस विधायकों ने सरकार को घेरते हुए CBI जांच की मांग की, जबकि भाजपा विधायकों ने इसे विपक्ष की राजनीतिक चाल बताया। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
क्या है महतारी सदन योजना?
गौरतलब है कि महतारी सदन योजना के तहत ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए विशेष सामुदायिक भवन बनाए जा रहे हैं, जहां वे बैठक, जागरूकता कार्यक्रम और अन्य सामाजिक गतिविधियों का संचालन कर सकेंगी। विपक्ष का आरोप है कि इस योजना के तहत भाजपा सरकार अपने विधायकों के क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है और विपक्ष शासित क्षेत्रों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
अब देखना होगा कि सरकार विपक्ष के इन सवालों के जवाब में क्या ठोस कदम उठाती है और क्या पुलिस भर्ती में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए कोई स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त की जाती है या नहीं। वहीं, महतारी सदन योजना को लेकर भी राजनीतिक हलचल तेज होती दिख रही है।