पण्डो जनजाति की महिला ने घर पर दिया था बच्चों को जन्म, रेफर के बाद भी नहीं मिली 108 सेवा
अंबिकापुर/उदयपुर।
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। ग्राम मिग्राडांड की विशेष संरक्षित पण्डो जनजाति की एक गर्भवती महिला ने घर पर ही स्वस्थ जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, लेकिन समय पर इलाज न मिलने से एक नवजात ने दम तोड़ दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला ने घर पर ही सुरक्षित प्रसव किया। इसके बाद 108 एंबुलेंस के माध्यम से मां और बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) उदयपुर लाया गया। यहां डॉक्टरों ने नवजात की हालत नाजुक बताकर उन्हें उच्च स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया। लेकिन रेफर के बाद चार घंटे तक 108 एंबुलेंस नहीं मिल सकी, जिसके चलते एक नवजात की मौत हो गई।
परिजन और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यदि समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो नवजात की जान बचाई जा सकती थी। यह घटना न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि विशेष जनजातियों के साथ हो रही उपेक्षा की भी मिसाल है।
प्रशासन से मांग की गई है कि मामले की गंभीरता से जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।