54.90 लाख की ठगी, खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर डराया-धमकाया
दुर्ग।
साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दुर्ग पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डरा-धमका कर लाखों की ठगी कर रहे थे।
सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि प्रार्थी नम्रता चन्द्राकर ने नेवई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता से मनी लॉन्ड्रिंग का झांसा देकर आरोपियों ने 29 अप्रैल से 29 मई 2025 के बीच अलग-अलग खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर करवा लिए। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी थी। डर के साये में रह रहे पीड़ित परिवार से गिरोह ने कुल 54 लाख 90 हजार रुपये वसूल लिए।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जांच शुरू की। तकनीकी साक्ष्यों, कॉल डिटेल और बैंक स्टेटमेंट की बारीकी से पड़ताल की गई। जांच के बाद आरोपियों की पहचान दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण कुमार और शुभम श्रीवास्तव के रूप में हुई। ये सभी लखनऊ के रहने वाले हैं।
पुलिस की विशेष टीम ने लखनऊ पहुंचकर सुनियोजित तरीके से आरोपियों को गिरफ्तार कर दुर्ग लाया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि राजेश विश्वकर्मा के यूनियन बैंक खाते में 9 लाख रुपये आए थे, जिसमें से कुछ रकम शुभम श्रीवास्तव को दी गई, जबकि शेष धनराशि गिरोह के अन्य सदस्यों के बीच बांटी गई।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन, आधार कार्ड समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं। आरोपियों को फिलहाल पुलिस रिमांड पर रखा गया है। साथ ही गिरोह के मुख्य सरगना की तलाश भी जारी है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।
इस कार्रवाई से दुर्ग पुलिस ने न केवल साइबर ठग गिरोह को बड़ा झटका दिया है, बल्कि आम नागरिकों के बीच विश्वास भी मजबूत किया है।
