भोपाल पुलिस की कार्रवाई, विनोद सहाय के नेटवर्क पर कसा शिकंजा
देश के बहुचर्चित कोयला घोटाले में एक और अहम गिरफ्तारी हुई है। भोपाल पुलिस की विशेष टीम ने मंगलवार को मरवाही से शेख जफर को गिरफ्तार किया। शेख जफर, मध्यप्रदेश के अनूपपुर का निवासी है और इस घोटाले के मुख्य आरोपी विनोद सहाय का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। इससे पहले, 25 जून को विनोद सहाय को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार किया गया था।
फर्जी कंपनियों और कागजी कारोबार का जाल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि शेख जफर ने जबलपुर के रानीताल पते पर अम्बर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स नामक दो कंपनियां पंजीकृत कर रखी थीं। इन कंपनियों के माध्यम से अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स जैसी फर्मों के साथ कोयला व्यापार दिखाया गया, जबकि असल में यह सब कागज़ी लेनदेन था।
वहीं, मुख्य आरोपी विनोद सहाय की फर्म JMKD कोल के नाम से भटिया कोल (बिलासपुर), खालसा कोल (बिलासपुर), आर्यन वॉशरी, जैन वॉशरी (अनूपपुर) और हरिजिका कोल (रायगढ़) जैसी इकाइयों के साथ भी फर्जी व्यापार दर्शाया गया।
उद्योग समूहों तक पहुंचा फर्जीवाड़ा
इस फर्जीवाड़े की पहुंच छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कई प्रतिष्ठित उद्योग समूहों तक बताई जा रही है। प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, चांपा, एमएसपी पॉवर प्लांट, रायगढ़, बीएस सिंघल पॉवर प्लांट, रायगढ़ और नेशनल फर्म (प्रोप्राइटर अक्कू जेठानी) को कोयला आपूर्ति के नाम पर फर्जी बिल उपलब्ध कराए गए थे।
अन्य नाम भी आए सामने
इस घोटाले में राजा सरावगी (बुडार), अशोक चतुर्वेदी (बुडार) और राजेश कोटवानी (बिलासपुर) जैसे व्यापारियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके जरिए कोयला क्रय दिखाकर बिलिंग की गई।
अब ईडी की नजरें भी इस नेटवर्क पर
पुलिस ने शेख जफर को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। पूछताछ में और भी बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है। इस पूरे नेटवर्क पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी नजरें टिकी हुई हैं।
यह मामला छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और झारखंड तक फैले एक संगठित कोयला फर्जीवाड़ा नेटवर्क की परतें खोल रहा है, जिसमें कई बड़े नामों की संलिप्तता की आशंका है।
