चंपारण के चंपेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की अटूट श्रद्धा
रायपुर, 3 अगस्त
रायपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित चंपारण गांव का चंपेश्वर महादेव मंदिर आज आस्था और चमत्कार का अद्भुत केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर अपने अनोखे शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश — तीनों के स्वरूप एक ही साथ उभरे हुए दिखाई देते हैं। भक्त इसे अर्धनारीश्वर शिवलिंग भी कहते हैं।
करीब 1250 वर्ष पुरानी मान्यता के अनुसार, यह स्थान कभी घने जंगलों से घिरा हुआ था। यहां एक ग्वाले की गाय ‘राधा’ प्रतिदिन एक विशेष स्थान पर जाकर अपने आप दूध बहाने लगती थी। ग्वाले ने जब पीछा किया, तो देखा कि गाय एक शमी वृक्ष के नीचे स्थित एक अद्भुत पत्थर पर दूध चढ़ा रही है। ग्रामीणों ने उस स्थान की खुदाई की तो वहाँ से एक चमत्कारी शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसमें शिव, शक्ति और गणेश के स्वरूप स्पष्ट रूप से नजर आए।
इसके बाद वहाँ एक झोपड़ी में पूजा-अर्चना शुरू हुई, जो अब विशाल चंपेश्वर महादेव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
सावन के पावन महीने में मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात और यहां तक कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
चंपेश्वर महादेव मंदिर आज भी श्रद्धालुओं को यही विश्वास दिलाता है कि यदि आस्था अडिग हो, तो ईश्वर स्वयं प्रकट होकर दर्शन देते हैं।