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पारधी जनजाति के परिवारों को मिला कानूनी हक, वोटर आईडी से राशनकार्ड तक बने दस्तावेज


बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा की पहल पर ढाई माह में पूरी हुई कार्रवाई

रायपुर, कांकेर।
उत्तर बस्तर कांकेर जिले के ग्राम रिसेवाड़ा में निवासरत पारधी जनजाति के परिवार अब अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहेंगे। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा की पहल और लगातार अनुश्रवण के बाद इन परिवारों को वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड, राशनकार्ड सहित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं।

आयोग को यह मामला समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार तथा सृजन समिति, उत्तर बस्तर कांकेर के मनीष जैन, भूपेन्द्र नाग, ईश्वर कावड़े, उत्तम जैन और गिरधर यादव के आवेदन के माध्यम से प्राप्त हुआ था। तत्काल संज्ञान लेते हुए डॉ. शर्मा ने प्रकरण क्रमांक 1307/2025 दर्ज किया और जिला कलेक्टर को राजस्व, वन, पुलिस, आदिम जाति कल्याण एवं महिला एवं बाल विकास विभाग का संयुक्त दल बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए।

कलेक्टर द्वारा गठित 5 सदस्यीय दल ने सर्वे कर 6 परिवारों के 34 सदस्यों की पहचान की। इनमें से एक परिवार को छोड़कर सभी के वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड और राशनकार्ड तैयार कर दिए गए हैं। शेष परिवार के दस्तावेज भी शीघ्र बनाए जा रहे हैं।

आयोग ने पाया कि ये परिवार जिला मुख्यालय से महज 25 किमी दूर आरक्षित वन क्षेत्र में कोण्डागांव से आकर बसे थे। मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर 2025 को रखी गई है, जिसमें सभी विभागों से लिखित पुष्टि ली जाएगी कि सभी परिवारों को सुविधाएं मिल चुकी हैं। साथ ही, वन विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया गया है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अब तक उनके अधिकारों के लिए क्या कदम उठाए गए।

डॉ. शर्मा ने कहा कि इस पहल से न केवल इन परिवारों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया है, बल्कि पूरे प्रदेश में ऐसे ही वंचित परिवारों की पहचान कर उन्हें अधिकार दिलाने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए वन विभाग को पत्र भेजा जा रहा है।


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