रायपुर। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद आखिरकार विभागों का बंटवारा हो गया है। किस मंत्री के हाथ कौन-सा ‘खजाना’ आया, अब ये साफ हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभागों की चाबी बांटते हुए सियासी समीकरण भी साधे और नए चेहरों को भी मौका दिया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
खुद के पास ही सबसे ज्यादा ‘पावरफुल’ विभाग रखे – सामान्य प्रशासन, खनिज साधन, ऊर्जा, जनसंपर्क, जल संसाधन से लेकर आईटी और शिकायत निवारण तक। यानी सरकार की पूरी कमान सीएम के ही हाथ में।
डिप्टी सीएम की जोड़ी
अरुण साव को मिला लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन और खेल विभाग। यानी सड़कें भी संभालेंगे और स्टेडियम भी।
विजय शर्मा को मिला गृह विभाग और पंचायत-ग्रामीण विकास। गांव से लेकर जेल तक की जिम्मेदारी अब उनके पास।
कैबिनेट के धुरंधर
राम विचार नेताम को मिला कृषि, आदिवासी विकास और मछली पालन। यानी खेत-खलिहान और तालाब सब उन्हीं के हवाले।
दयाल दास बघेल संभालेंगे राशन का पूरा हिसाब – खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति।
केदार कश्यप के पास वन, परिवहन और संसदीय कार्य। यानी जंगल से लेकर विधानसभा तक की कमान।
लखन लाल देवांगन के जिम्मे शराब, उद्योग और श्रम। मतलब फैक्ट्री भी देखेंगे और दारू दुकान भी।
श्याम बिहारी जायसवाल को स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन। यानी अस्पताल से लेकर डॉक्टर बनाने तक की ड्यूटी।
ओ.पी. चौधरी को मिला वित्त और प्लानिंग। अब खजाने की चाबी उन्हीं के पास।
लक्ष्मी राजवाड़े को महिला एवं बाल विकास। समाज कल्याण भी उनकी झोली में।
टंकराम वर्मा के पास राजस्व और उच्च शिक्षा। खेत-जमीन का मामला भी और कॉलेज की पढ़ाई भी।
नए चेहरों की एंट्री
गजेन्द्र यादव – स्कूल शिक्षा और ग्रामोद्योग। बच्चों की पढ़ाई से लेकर गांव के रोजगार तक।
गुरु खुशवंत साहेब – तकनीकी शिक्षा, रोजगार और एससी विकास। यानी पढ़ाई-लिखाई के साथ रोजगार का पैकेज।
राजेश अग्रवाल – पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व। अब छत्तीसगढ़ की सैर-सपाटा और मेला-मंदिर की जिम्मेदारी उनके पास।
