रायपुर, 26 अगस्त। आगामी गणेशोत्सव को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने जिला एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। इसी कड़ी में मंगलवार को रेडक्रॉस सभाकक्ष में एडीएम उमाशंकर बन्दे और एएसपी लखन पटले की अध्यक्षता में डीजे संचालकों की बैठक हुई। बैठक में निगम, ट्रैफिक और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में प्रशासन ने साफ कर दिया कि इस बार गणेश झांकी और विसर्जन जुलूस में डीजे बजाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। एएसपी लखन पटले ने बताया कि “माननीय उच्च न्यायालय और एनजीटी के आदेशों का पालन अनिवार्य है। डीजे संचालन के लिए किसी तरह की एनओसी नहीं दी जाएगी। रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूरी तरह वर्जित रहेगा।”
साथ ही अस्पताल, स्कूल और सार्वजनिक स्थानों से 100 मीटर के दायरे में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। तय ध्वनि सीमा से अधिक आवाज होने पर चालानी कार्रवाई होगी, और दोबारा उल्लंघन करने पर वाहन राजसात कर लिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की सीमा भी तय कर दी गई है – औद्योगिक क्षेत्र में सुबह 75 और रात को 70, वाणिज्यिक क्षेत्र में सुबह 65 व रात को 55, आवासीय क्षेत्र में सुबह 55 व रात को 45 तथा शांत परिक्षेत्र में सुबह 50 और रात को 40 डीबी (ए) से अधिक आवाज की अनुमति नहीं होगी।
लेकिन प्रशासन के इस सख्त रुख के बीच डीजे संचालकों ने खुली चुनौती दे डाली। न्यूज पेज 13 से खास बातचीत में डीजे संचालकों ने कैमरे पर ही कह दिया कि “चाहे प्रशासन कुछ भी कहे, गणेश झांकियों और विसर्जन में डीजे जरूर बजेगा।”
इस बयान के बाद टकराव की स्थिति दिखी पर मजे की बात तो यह हैं कि देर शाम से रात्रि तक शहर के चारो ओर गणेश जी की प्रतिमाएं पंडालों में विराजित हुई इस दौरान जमकर डीजे बजा और कानून की धज्जियां उड़ी?
