आपको बता दे की मंत्री टीएस सिंहदेव मुलाकात कर अतिथि व्याख्यता ने कहा है की तात्कालीन सरकार द्वारा हमें शोषित किया जा रहा है। हमारा वेतन भी 800/- प्रतिदिन एवं 20800/- प्रतिमाह सीलिंग के अधिन रखा गया हैं। जबकी तत्कालीन मध्यप्रदेश एवं राजस्थान सरकार द्वारा योजनाबद्ध तरीके से वेतन वृद्धी एवं सेवाकाल की निरतंरता का लाभ पूर्व में ही दे दिया गया है। चरणबद्ध आंदोलन के बावजूद हमारी मांग को अनसुना कर दिया गया। हमें रायपुर बुलाकर भी सौतेला व्यवहार किया गया है। यूजीसी के मापदंडो के अनुसार बिना नेट/सेट/पीएचडी तथा पीएससी किऐ बिना कोई भी नियमित नही हो सकता, परन्तु जो अतिथि व्याख्यता पहले से अनुभवी हो उनको यथावत सेवा जारी रखने का व्यवस्था तो आपकी सरकार द्वारा तो की जा सकती है।
अतिथि व्याख्याताओं ने की मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात, सेवाकाल तथा वेतन बढ़ाने जैसी कई मांगे रखी
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कोरिया / शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं दवारा मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर अतिथि व्याख्याताओं की तात्कालिक स्थिति से अवगत करते हुए सेवाकाल तथा वेतन बढ़ाने जैसी कई मांगे ज्ञापन स्वरूप रखी।
इन समस्याओं से रूबरू करते हुए अतिथि व्याख्यताओं के वेतन वृद्धी और सेवाकाल 11 माह करने एवं विगत कई वर्षो से कार्यरत अतिथि व्याख्यताओं को पूनः रखे जाने जैसी बिंदुओ के निराकरण की मांग की है।