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सब्जी मंडी और बाजारों में हो रही है, कोरोना के सरकारी नियमों का उल्लंघन, प्रशासन मौन, अब जनता को लेनी होगी जिम्मेदारी – प्रकाशपुंज पांडेय

रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद सब्जी मंडियों और बाजारों में जनता और दुकानदारों द्वारा कोरोना के सरकारी नियमों में लापरवाही बरतने पर चिंता जताते हुए मीडिया के माध्यम से कहा कि प्रदेश में विगत दिनों में कोरोना वायरस के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं लेकिन जनता और प्रशासन दोनों ओर से लगातार लापरवाही सामने आ रही है। जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और राजस्व मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं जिसके कारण विधानसभा की कार्रवाई को रोकना पड़ा, कुछ महीनों पहले विधानसभा अध्यक्ष, प्रदेश में राजनीतिक दलों के कई नेता और विधायक भी इस संक्रमण के चपेट में आ रहे हैं, ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बावजूद भी ऐसी लापरवाही सामने आ रही है।

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने बताया कि आज दिनांक 11 मार्च 2021 को सायं 6 बजे के करीब जब वे भाठागांव, रायपुर के समीप जलग्रह मार्ग पर पानी टंकी के पास लगने वाले सब्जी बाजार गए तो उन्होंने पाया कि एक्का दुक्का को छोड़कर किसी भी दुकानदार ने मास्क नहीं लगाया हुआ था। जब कुछ दुकानदारों से मास्क न पहनने का कारण प्रकाशपुन्ज ने पूछा तो वे बगलें झांकने लगे। इस पर जब 112 नंबर पर प्रकाशपुन्ज ने शिकायत दर्ज कराई तो एक पुलिसकर्मी का फोन आया। उस पुलिस कर्मी को सारी वस्तुस्थिति की जानकारी देने पर उसने यह उत्तर दिया कि ये तो नगर निगम का काम है, हम तो दुकानदारों को बोलते ही हैं लेकिन कोई सुनता ही नहीं। कुल मिलाकर वह असहाय सा लग रहा था। घर पहुंच कर इसकी जानकारी प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने रायपुर कलेक्टर को उनके व्हाट्सएप नंबर पर दी।

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मीडिया के माध्यम से शासन, प्रशासन और जनता से अपील की है कि जब एक कलेक्टर को कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद भी कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है तो सभी को समझना चाहिए कि यह वायरस कितना खतरनाक है। इसलिए कोविड-19 की वैक्सीन लगवाने के पहले और बाद में भी प्रत्येक व्यक्ति को दो गज की दूरी और मास्क पहनने की आदत के साथ ही समय समय पर हाथ धोने, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करने और अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना अनिवार्य है। सिर्फ मुख्यमंत्री, शासन या प्रशासन पर निर्भर रहने की बजाय, हम सभी को यह जानकारी समाज और प्रदेश में जन जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेनी होगी।

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