नई दिल्ली/रायपुर: संसद में नया वक्फ बिल पास होने के बाद देशभर में प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने इस बिल का स्वागत करते हुए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जैसे वक्फ बोर्ड मुस्लिम संपत्तियों की सुरक्षा और समाज के कल्याण के लिए काम करता है, वैसे ही सनातन धर्म के मठों और मंदिरों की संपत्तियों की रक्षा के लिए ‘सनातन बोर्ड’ भी बनाया जाना चाहिए।
डॉ. सलीम राज ने कहा, “नया वक्फ बिल मुस्लिम समाज की तरक्की और गरीब महिलाओं के हित में है। यह भूमाफियाओं से वक्फ संपत्तियों को मुक्त कराने और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में बड़ा कदम है। अब समय आ गया है कि हिन्दू मठों और आश्रमों की जमीनों की भी सुरक्षा हो, जिन्हें अक्सर कब्जा या बंदरबांट का शिकार होना पड़ता है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की मांग करूंगा।”
हालांकि, इस प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया दी है ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सनातन परंपरा वक्फ की नकल नहीं करेगी।
शंकराचार्य ने कहा, “हम वक्फ बोर्ड की तरह कुछ नहीं बनाना चाहते। ये कहना ही गलत है कि वक्फ की तरह सनातन बोर्ड बने। वक्फ बोर्ड ने ऐसा कौन सा बड़ा काम कर दिया है जो उसकी तर्ज पर हम चलें? सनातन धर्म स्वतंत्र, सनातन और सार्वभौमिक है—इसमें सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।”