छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री का बड़ा खुलासा: 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर अवैध कब्जे, 400 लोगों को नोटिस
रायपुर।
राज्य में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के बीच एक बड़ा घोटाला सामने आया है। रायपुर समेत कई जिलों में वक्फ बोर्ड की 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री और अवैध कब्जों का खुलासा हुआ है। यह मामला प्रशासन और आमजन दोनों के लिए चौंकाने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, रायपुर में वक्फ की कई महत्वपूर्ण संपत्तियों पर पिछले कुछ वर्षों में अवैध रूप से रजिस्ट्री कराई गई। इन रजिस्ट्रियों में लक्ष्मी इलेक्ट्रिकल्स, ए-टू-जेड बेकरी, पगारिया ज्वेलर्स समेत कुल 14 संस्थानों और व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं। इन सभी ने कथित रूप से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अपनी बताकर दस्तावेज तैयार करवा लिए।
इतना ही नहीं, रायपुर के मोवा मस्जिद क्षेत्र में भी वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है। साथ ही, एवन बेकरी द्वारा पुरानी मद्रासी बिल्डिंग, और फैजल खान पठान बाड़ा पर कब्जा किया गया है, जो नियमों के पूरी तरह खिलाफ है।
400 अवैध कब्जाधारियों को नोटिस, रजिस्ट्रियों को शून्य करने की कार्रवाई
राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने करीब 400 लोगों को नोटिस जारी किए हैं, जो वक्फ संपत्तियों पर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे हैं। साथ ही, सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर विवादित रजिस्ट्रियों को शून्य (निल) करने की प्रक्रिया प्रारंभ करने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश शासनकाल के दौरान कुछ लोगों ने वक्फ की जमीनें किराये पर ली थीं, लेकिन समय के साथ उन्होंने उन्हीं जमीनों को अपनी मानते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिए, और अब मालिकाना हक जताने लगे।
छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का ब्योरा
राज्य में वक्फ बोर्ड के अधीन हजारों संपत्तियां पंजीबद्ध हैं। विभिन्न जिलों में इनकी संख्या इस प्रकार है:
- रायपुर – 832 संपत्तियां
- बिलासपुर – 1401
- दुर्ग – 125
- बस्तर – 55
- कोरबा – 44
- राजनांदगांव – 300
- धमतरी – 312
- गरियाबंद – 943
- सरगुजा – 226
- सूरजपुर – 354
प्रशासन सख्त, कार्रवाई के संकेत
वक्फ बोर्ड और राज्य प्रशासन ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जो भी लोग वक्फ संपत्ति पर अवैध रूप से काबिज हैं, उन्हें खाली करने के लिए निर्धारित समयसीमा दी जाएगी।
जल्द ही पूरे प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए डिजिटल सर्वे और रिकॉर्ड अपडेशन की योजना भी शुरू की जाएगी।