कोरिया / कोरिया जिला इन दिनों भालुओं की दहशत से थर्राया हुआ है. भालू प्रभावित इलाकों में जहां एक ओर ग्रामीण दहशतजदा हैं तो वहीं बीते दिनों आदमखोर हुए भालू की तलाश में पूरा वन विभाग का अमला जंगलों की खाक छान रहा है. इसके वावजुद भी घटना के 5 दिन बाद तक भालु को नहीं पकडे जाने से नाराज स्थानीय नागरिकों ने आज सोमवार को चिरमिरी गेल्हापानी-बैकुंठपुर सड़क मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान नागरिकों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए और आदमखोर भालू को जल्द पकडऩे की गुहार लगाई। आक्रोशित नागरिकों ने गेल्हापानी चौक पर करीब साढ़े चार घंटे तक बीच सड़क पर बैठक चक्काजाम कर आवागहन ठप कर दिया था।
चिरमिरी के लक्ष्मण झरिया टेंगनी पहाड़ पर पांच दिन पहले एक आदमखोर जंगली भालू ने दो ग्रामीणों पर हमला कर जान ले ली थी। घटना के बाद भालू को पकडऩे के लिए स्थानीय पुलिस-वन अमले के सहयोग से बिलासपुर से पहुंची आठ सदस्यीय विशेष टीम लगातार जंगल में सर्चिंग अभियान चला रहा है। जंगल में भालू को पकडऩे के लिए दो पिंजड़े लगाए गए हैं। जिसमें बकायदा शहद डाला गया है। लेकिन भालू को पकडऩे में टीम को किसी प्रकार की सफलता नहीं मिल पाई है। घटना के पांच दिन बाद भी आदमखोर भालू को नहीं पकडऩे पाने से नाराज स्थानीय नागरिकों ने चिरमिरी गेल्हापानी-बैकुंठपुर सड़क मार्ग पर सुबह करीब 10 बजे चक्काजाम कर दिया और भालू को जल्द पकडऩे व गोली मारने की गुहार लगाई।
भालू पकडऩे एक्सट्रा टीम की मदद – वन विभाग के अनुसार आदमखोर भालू को पकडऩे के लिए जंगल में दो पिंजड़े लगाए गए हैं और लगातार सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन भालू को पकडऩे में सफलता नहीं मिल पा रही है। भालू को पकडऩे के लिए स्थानीय पण्डो जनजाति के करीब 20 नागरिक व उनके कुत्तों का सहारा लिया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार वन व पुलिस टीम हताश होकर बिलासुपर से एक्सट्रा टीम बुला रही है।
अब तक ये है पुरा मामला – पिछले गुरुवार को चिरमिरी इलाके के लक्ष्मण झरिया टेंगनी घाट में भालू ने दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था, वहीं एक अन्य सहित तीन पुलिस कर्मी भी घायल हो गए थे. इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी एक्सपर्ट की टीम के साथ भालू को मारने के लिए उसकी तलाश कर रहे थे. बस उसी दौरान चिरमिरी के छोटा बाजार इलाके के लाहिड़ी स्कूल में भालू के घुसने की खबर मिलने पर पूरा वन अमला वहां पहुंच गया. स्कूल में घुसे भालू की वजह से एक छात्रा बाल-बाल बचा. वन अमले द्वारा भालू पर बेहोश करने वाली बंदूक से फायर किया गया था. इसमें से एक नशे का इंजेक्शन भालू को जा लगा, लेकिन इसके बावजूद भालू वहां से भाग निकला. भालू के हमले की दूसरी घटना साजा पहाड़ इलाके में सामने आई, जहां भालू ने दो ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इसके साथ ही खड़गवां इलाके में भी एक व्यक्ति के घर में भालू के घुसने की खबर आई थी. जहां ग्रामीणों के शोर मचाने के बाद भालू पेड़ पर चढ़ गया था. हालांकि यहां किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है. वहीं लक्ष्मण झरिया के टेंगनी घाट के पास भी सर्चिंग के दौरान वन विभाग की टीम द्वारा आदमखोर भालू पर बेहोश करने वाली बंदूक से चार बार फायर किया गया था, लेकिन रेंज से बाहर होने की वजह से उसे एक भी इंजेक्शन नहीं लग सका और अभी भी भालू की तलाश में पूरा वन विभाग का अमला जंगलों की खाक छान रहा है।
जानकार बताते है – अभी भालुओं के प्रजननकाल के बाद का समय है, जब भालू के साथ उनके शावक भी होते हैं. बताया जा रहा है कि भालू अपने शावकों के आहार तलाशने के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं।
