नई दिल्ली / 2002 में गोधरा में ट्रेन के डिब्बे जलाने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।
अब इस मामले में किसी भी दोषी को फांसी की सजा नहीं है। हाई कोर्ट ने एसआईटी की विशेष अदालत की ओर से आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर ये फैसला सुनाया।
2011 में एसआईटी कोर्ट ने 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में 63 आरोपियों को बरी किया था। 27 फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी को जला दिया गया था जिसमें करीब 59 लोग मौजूद थे। इनमें से ज्यादातर लोग अयोध्या से लौट रहे कार सेवक थे।
