** गरीबों की मेहनत से ही राज्य का हुआ है चहुमुखी विकास: वन मंत्री श्री गागड़ा
** विकास और विष्वास का पर्व है तेन्दूपत्ता बोनस तिहार: श्री राजवाड़े
** गृहमंत्री ने कम्प्यूटर में क्लिक कर किया कोरिया और सूरजपुर जिले के
** जिले के 81 हजार से अधिक संग्राहकों के खातें में 24.62 करोड़ रूपये राशि आंतरित
** श्री पैकरा ने दीप प्रज्जवलित कर बोनस तिहार का किया आगाज
कोरिया / प्रदेश के गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री रामसेवक पैकरा ने मुख्य अतिथि की आसंदी से आज कोरिया जिले के विकासखंड सोनहत के ग्राम सलगवांकला में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस तिहार में कंप्यूटर में एक क्लिक कर कोरिया एवं सूरजपुर जिले के 81 हजार से अधिक संग्राहकों के बैंक खातों में 24 करोड 62 लाख 10 हजार 691 रूपये की राशि का अंतरण किया।
उन्होने कोरिया और सूरजपुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता बोनस तिहार के लिए अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रदेश के वन, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री महेश गागड़ा की अध्यक्षता में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस तिहार में प्रदेश के श्रम, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री भईयालाल राजवाडे, छत्तीसगढ शासन में संसदीय सचिव एवं भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती चंपादेवी पावले, मनेन्द्रगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्याम बिहारी जायसवाल, जिला वनोपज संघ बैकुण्ठपुर की अध्यक्ष श्रीमती सावित्री पाण्डे, जिला वनोपज संघ मनेन्द्रगढ की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी सिंह आयम और जिला वनोपज संघ सूरजपुर के अध्यक्ष सिघाचन सिंह विषिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। इसके पूर्व मुख्य अतिथि श्री पैकरा ने दीप प्रज्जवलित कर तेंदूपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम का आगाज किया।
प्रदेष के गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री पैकरा ने तेंदूपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम में पहुंचे 25 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के पसीने की कमाई का मोल को समझा है। फलस्वरूप आज तेंदूपत्ता बोनस तिहार के माध्यम से उनके खाते में राशि का अंतरण किया गया है। श्री पैकरा ने कहा कि कोरिया जिला खनिज और वनों से आच्छादित जिला है। यहां एक ओर बहुमूल्य खनिज काला हीरा है वहीं दूसरी ओर हरा सोना के रूप में तेेंदूपत्ता है। इन दोनों के दोहन से लोग आत्म निर्भर और स्वावलंबी बन रहे हैै। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की सरकार हर समय किसानों के साथ खडी है और उनके हर सुख दुख में साथ है। गृह मंत्री श्री पैकरा ने कहा कि वर्ष 2003 में सरगुजा संभाग की गणना नक्सल प्रभावित संभाग में होती थी। लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की पहल से सरगुजा संभाग से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो गई है। लोग पूरी शांति के साथ निवास कर रहे है। इसी तरह बस्तर संभाग में भी नक्सलवाद समाप्त होने की ओर अग्रसर हैं। नक्सली आत्मसर्मपण कर रहे है। बस्तर संभाग में भी जल्द ही अमन-चैन का वातावरण निर्मित होगा। श्री पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने एक साल पहले किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु सौर सुजला योजना के तहत मामूली दर पर 3 एवं 5 एच पी क्षमता के सोलर सिंचाई पंप देने का निर्णय लिया था। जिसका सार्थक परिणाम सामने आया। उन्होने सिंचाई हेतु छोटे किसानों को भी एक एच0 पी0 का सोलर सिंचाई पंप स्थापित कर अपने आय में दोगुना वृध्दि कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने की समझाईष दी। श्री पैकरा ने कहा कि 14 वर्ष पहले बाजारों में ट्रकों के माध्यम से अनाज आते थे। लोग लाईन में लगकर अनाज(कनकी) प्राप्त करते थे। आज लोगों को मात्र एक रूपये में चावल प्राप्त हो रहा है और वे भूख की चिंता से मुक्त हो गये है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना लागू कर गरीबी रेखा श्रेणी के महिलाओं के नाम पर राषन कार्ड जारी कर उनके सम्मान में इजाफा किया है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना लागू कर महिलाओं को मात्र 200 रूपये की पंजीयन शुल्क पर गैस कनेक्षन दिया है। उन्होने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को नमन करते हुए कहा कि श्री बाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू कर ग्रामों में सडकों का जाल बिछा दिया है। जिसके कारण आज आवागमन में सुगमता आयी है। उन्होने कहा कि 14 वर्ष पहले किसानों को 14 प्रतिषत ब्याज पर कृषि ऋ़ण दिया जाता था। लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देकर किसानों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का कार्य किया है। गृह मंत्री श्री पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने राज्य के 45 लाख लोगों को स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया है। उन्होने कहा कि स्मार्ट में राज्य शासन की सभी योजनाओं की जानकारी होगी।
प्रदेश के वन, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री गागड़ा ने तेंदूपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन और वनवासी राज्य की पहचान है। उन्हें ही जंगल को बचाने का श्रेय जाता है। उन्होने कहा कि अपने भावी पीढी के लिए भी वनों को बचाने की आवष्यकता है। उन्होने कहा कि वनों से ही विभिन्न प्रकार की वनोपज और वनौषधि प्राप्त होता है। इसके माध्यम से भी वनवासी समृध्द हो सकते है। श्री गागडा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.सिंह के नेतृत्व में गरीबों की मेहनत से ही छत्तीसगढ राज्य का चहुंमुखी विकास हुआ है। उन्होने कहा कि तेंदूपत्ता बोनस तेदूपत्ता संग्राहकों की मेहनत की दाम है। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने उनके मेहनत के दाम को उनके जेब तक पहुंचाने का काम किया है। इसी तरह उनके बच्चों को छात्रवृत्ति, संग्राहकों को बीमा कवच प्रदान किया गया है। श्री गागडा नें कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी रेखा श्रेणी के महिलाओं को मामूली दर पर गैस कनेक्षन प्रदान कर जंगल को बचाने का काम किया है। इससे एक ओर जहां पेडों की कटाई पर रोक लगी है वहीं दूसरी ओर महिलाओं को परंपरागत चुल्हे और धुंओं से छुटकारा मिला है। उन्होने जिले के विकासखंड सोनहत के ग्राम रामगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने और आवश्यक सहयोग करने की भी बात कही। इस अवसर पर उन्होने कहा कि स्मार्ट कार्ड योजना के तहत 30 हजार रूपये तक की निःशुल्क ईलाज की सुविधा को बढाकर 50 हजार रूपये तक कर दिया गया है। उन्होने प्रत्येक लोगों को स्मार्ट कार्ड सुविधा प्राप्त करने का आग्रह किया।
प्रदेश के श्रम, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री राजवाडे ने तेंदूपत्ता बोनस तिहार के लिए मुख्यमंत्री डॉ.सिंह की ओर से जिले के किसानों और संग्राहकों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ सरकार गांव, गरीब एवं किसानों की सरकार है। उनके आर्थिक स्वावलंबन के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि तेंदूपत्ता बोनस तिहार खुशी और उल्लास तथा विकास और विस्वास का पर्व है। तेंदूपत्ता बोनस तिहार के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता तुड़ाई का बोनस दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि पहले तेंदूपत्ता संग्राहकों को 480 रूपये प्रति मानक बोरा की मान से पारिश्रमिक दिया जाता था। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह के नेतृत्व में अब आने वाले तेंदूपत्ता सीजन मे तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2 हजार 500 रूपये प्रतिमानक बोरा की मान से पारिश्रमिक दिया जायेगा। उन्होने कहा कि वर्ष 2018 तक प्रत्येक घर में बिजली की सुविधा हासिल होगी। जिसके माध्यम से लोग अपने कार्यों को आसानी से कर सकेंगे। श्रम मंत्री श्री राजवाडे ने मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत मात्र एक रूपये किलो में चावल, 5 रूपये किलो में चना, निःशुल्क अमृत नमक के अलावा हाईस्कूल में अध्ययनरत करने वाली बालिकाओं को निःशुल्क सरस्वती सायकल आदि जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया।
तेंदूपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम को संसदीय सचिव श्रीमती पावले ने भी संबोधित किया। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.सिंह ने प्रत्येक नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सार्थक प्रयास किया है।
कार्यक्रम को विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने भी संबोधित किया। उन्होने गरीबों की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. सिंह की नीतियों और कार्यक्रमों को सार्थक बताया।
कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा ने तेंदूपत्ता बोनस तिहार कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। उन्होने कहा कि तेंदूपत्ता, तेंदूपत्ता संग्राहकों की आजीविका का प्रमुख साधन है और उनके जीवन में परिवर्तन लाने की अहम भूमिका अदा करता है।
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक तीरथ गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र तिवारी, बैकुण्ठपुर नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष साहू, बैकुण्ठपुर नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष शैलेष शिवहरे, कृष्ण बिहारी जायसवाल, रामधनी गुप्ता, अंचल राजवाडे, श्री रामधन देवांगन, धर्मेंन्द्र पटवा, लधु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक, सरगुजा वनमंडल के वनसंरक्षक सी.एस.तिवारी, जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, सूरजपुर के वनमण्डलाधिकारी भानुप्रताप सिंह, अपर कलेक्टर सर्वनाथ राम, जिला पंचायत कोरिया की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता पाल शर्मा, ग्राम के सरपंच सुखराम सहित बडी संख्या में कोरिया एवं सूरजपुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन जिला पंचायत के जनसंपर्क अधिकारी रूद्र कुमार मिश्रा ने किया।