Friday, March 29, 2024
Uncategorized बहुचर्चित यूटीआई घोटाला में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का आदेश,...

बहुचर्चित यूटीआई घोटाला में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का आदेश, 3 महीने के भीतर निराकरण करने का निर्देश

-

कोरिया / चिरमिरी निगम के तात्कालिक आयुक्त प्रमोद शुक्ला और आर पी सोनकर के द्वारा चिरमिरी में गौरव पथ निर्माण की राशि से यूटीआई का शेयर खरीद लेने के कारण राज्य सरकार द्वारा दंडित किए जाने और उसकी क्षति की राशि वसूली के विरुद्ध 4 साल पूर्व पेश किए गए अपील का निराकरण चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 3 महीने के भीतर करने का निर्देश दिया गया है.

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम चिरमिरी जिला कोरिया छत्तीसगढ़ (निगम चिरमिरी) को गौरव पथ निर्माण हेतु 04 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपए उपलब्ध कराए गए थे. यह राशि विभिन्न बैंकों में फिक्स डिपॉजिट के रूप में जमा थी. निगम चिरमिरी के तात्कालिक प्रभारी आयुक्त प्रमोद शुक्ला और आर. पी. सोनकर के  द्वारा इस राशि में से 02 करोड़ 50 लाख रुपए का यूटीआई का शेयर खरीद लिया गया.
प्रमोद शुक्ला प्रभारी आयुक्त निगम चिरमिरी के पद पर पदस्थापना के दौरान गौरव पथ निर्माण हेतु प्रदत्त राशि से यूटीआई के यूनिट  क्रय कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कारण राज्य सरकार के द्वारा विभागीय जांच आरंभ की गई, श्री प्रमोद शुक्ला को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत राज्य शासन द्वारा आगामी 2 वेतन वृद्धिया संचई प्रभाव से रोकने तथा आर्थिक क्षति की राशि ₹5,82,536 वसूल किए जाने के दंड से दंडित किया गया है.
आर.पी. सोनकर सहायक अभियंता को निगम चिरमिरी में प्रभारी आयुक्त के पद पर  पदस्थापना के दौरान गौरव पथ निर्माण की राशि से यूटीआई के यूनिट खरीदकर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कारण विभाग के द्वारा विभागीय जांच आरंभ की गई. इस कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत राज्य शासन द्वारा श्री आर.पी. सोनकर, सहायक अभियंता को आगामी दो वेतन वृद्धिया संचाई प्रभाव से रोकने तथा आर्थिक क्षति की राशि ₹6,14,782 वसूल करने के ढंग से दंडित किया गया.

उक्त दोनों अधिकारियों ने उपरोक्त दंड के विरुद्ध विभाग में निर्धारित समय के भीतर अपील प्रस्तुत किया. यह अपील प्रस्तुत किए करीब 4 वर्ष हो चुका है. दिनांक – 03.06.2016 की स्थिति में भी उपरोक्त अपील विचाराधीन था. अब तक छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय रायपुर के अपीलीय अधिकारी के द्वारा इस अपील का निराकरण नहीं किया गया है.

सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र दिनांक- 19.04.1974 मैं सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत प्रस्तुत अपील की तिथि से 6 माह के भीतर प्रकरण में निर्णय लिए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं.

इस नियम के विपरीत छत्तीसगढ़ शासन के अपीलीय अधिकारी के द्वारा अपील प्रस्तुत करने के 4 वर्ष बाद भी अपील का निराकरण नहीं किया गया था आईटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन से कई पत्राचार किया गया छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता के इस पत्र पर ना तो कोई जवाब दिया जा रहा था और ना ही उपरोक्त प्रकार के गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपी अपचारी अधिकारियों के विरुद्ध उपरोक्त अपील का निराकरण किया जा रहा था आईटीआई कार्यकर्ता ने दुखी होकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत कर मांग किया कि निर्धारित समय से काफी विलंब होने के कारण तत्काल इस अपील का निराकरण करने का निर्देश दिया जाए इस याचिका पर इस याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा 16.04.2019 को निर्देश जारी किया गया कि इस आदेश के प्राप्ति के 3 माह के भीतर उक्त अपील का निराकरण किया जाए और इस आदेश के साथ याचिका निराकृत कर दी गई.

Latest news

बैलेट पेपर वाले बयान पर भूपेश बघेल के खिलाफ शिकायत दर्ज, दिए थे भड़काऊ भाषण…

छत्तीसगढ़ : लोकसभा चुनाव के बीच छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ती ही...

Breaking : 5 डॉक्टरों की टीम ने मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया पूरा, आज होगा अंतिम संस्कार

यूपी : 5 डॉक्टरों की टीम ने मुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया। आज...

रेलवे में अधिकारियों कर्मचारियों को रेल सेवा पुरस्कार से किया गया सम्मानित

हर मापदंड पर बेहतर कार्य के लिए बिलासपुर एवं नागपुर रेल मण्डल को...

Must read

You might also likeRELATED
Recommended to you

error: Content is protected !!