राजनांदगांव / राम राज्य में शेर और बकरी भी एक घाट पर पानी पीते थे, यह कहावत तो सुनी थी, किन्तु बघेल सरकार में छत्तीसगढ़ में मृतक भी नौकरी कर रहे है और तिस पर उनका स्थानांतरण भी हो रहा है। यह नवीन उपलब्धि विधायक दलेश्वर साहू की अनुशंसा पर छत्तीसगढ़ सरकार ने प्राप्त किया है, यह अंधेरगर्दी की पराकाष्ठा है।
उक्ताशय की टिप्पणी करते हुए पूर्व सांसद प्रतिनिधि रविन्द्र सिंह ने डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू की कार्यप्रणाली पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि विधायक का यह प्रथम नही अपितु द्वितीय कार्यकाल है और इसके पहले वे जिला पंचायत के सदस्य भी रह चुके है,किन्तु उनकी अनुशंसा भी उन्हें एक बिरले विधायक के रूप में पहचान दिलाती है,क्योंकि एक मृतक शिक्षक के लिए ना केवल अनुशंसा की बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी से स्थानंतरण भी करवा दिया,अब शायद मृतक को नौकरी करने के लिए पुनर्जीवित भी होना होगा,यह एक नई परिपाटी का सूत्रपात छत्तीसगढ़ में उन्होंने कर दिया है,आश्चर्य की बात तो यह है कि अधिकारी भी अपने कर्तव्यों के प्रति इतने किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए है कि विधायक अनुशंषा पर कोई छानबीन करने की आवश्यकता ही नही समझी, विधायक के गैर जिम्मेदाराना और लापरवाही पर शायद अधिकारी ने अपनो कर्तव्यों का पालन करने के बजाय चापलूसी करने और सत्तालोलुपता ही करना ज्यादा उचित समझा।
श्री सिंह ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व सचिवों का स्थानांतरण से पूर्व ही उनकी सूची सार्वजनिक हो गई थी और अब शिक्षकों के स्थानांतरण में नए नए कारनामे उजागर हो रहे हैएक शिक्षक का दो स्थानों पर स्थानांतरण कर दिया, बघेल सरकार में शायद दो स्थानों पर एक व्यक्ति कार्य करेगा, यह नवीन पद्धति गढ़बो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर काम करते लग रहा है।
रविन्द्र ने कहा कि विधायक दलेश्वर साहू जी कभी रेत के खदानों को अपनी व्यक्तिगत जायदाद समझ कर किसी को भी स्वयं उत्खनन की अनुमति दे कर और अपनी स्वेच्छा से जब मन हो बन्द करा कर राज्य सरकार के नियमो का उल्लंघन करते है और अब शिक्षक ट्रांसफर में मृतकों का स्थानांतरण करवा देते है ,लेकिन उनकी कारगुजारियों को आगे सहन नही किया जाएगा,उनका भरपूर विरोध किया जाएगा,अपनी अकर्मण्यता के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को जिला कलेक्टर द्वारा तुरन्त निलंबित करना चाहिए और विधायक को भी अपने कृत्यों के लिए क्षमा याचना करना चाहिए।