नई दिल्ली / कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि जिन सार्वजनिक संपत्तियों को बनाने में दशकों लगे उन्हें बेचा जा रहा है.
एक वीडियो संदेश में सोनिया ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि रेलवे का भी निजीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘दशकों में बनाई गई सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियां बेची जा रही हैं. कुछ राज्य सरकारों ने अपना विरोध व्यक्त किया है. छह हवाई अड्डों को निजी हाथों में दिया गया है. देश की लाइफ लाइन रेलवे का भी निजीकरण किया जा रहा है.’
सोनिया का यह बयान विपक्ष शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद आया. मालूम हो कि हाल ही में छह हवाई अड्डों के परिचालन का ठेका निजी कंपनी को दिया गया है इसमें लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं.
सोनिया ने एक अन्य वीडियो संदेश में कहा कि जीएसटी कंपंशेसन एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा, ‘जीएसटी मुआवजा एक बड़ा मुद्दा है. संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार समय पर राज्यों को मुआवजा दिया जाना महत्वपूर्ण है और ऐसा नहीं हो रहा है. केंद्र के पास राज्यों का बकाया ज्यादा है जिससे विभिन्न राज्यों की हालत खस्ता हो गई है.’
बता दें जीएसटी कानून के तहत, इसके लागू होने के बाद के पांच साल तक राज्यों को होने वाले किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है. राजस्व में इस कमी की गणना यह कल्पना करके की जाती है कि राज्य के राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए आधार वर्ष 2015-16 रखा गया है.
सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया. इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया. गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है.’
