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वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दे रहे है कुलसचिव खरे…

रायपुर / महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय साकरा पाटन दुर्ग के समस्त अधिकारी कर्मचारी और छात्रा छात्राओं ने संयुक्त शिकायत मीडिया के नाम भेज कर उल्लेख किया है कि विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता का खेल लंबे समय से जारी है।

ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के शुरआती दौर में छत्तीसगढ़ सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद विश्वविद्यालय की गतिविधियों को गति देने के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त अधिकारियों कर्मचारियों को संविदा भर्ती नियम 2012 के प्रावधान के अनुसार चार गैर शिक्षकीय सेवा निवृत्त अधिकारियों कर्मचारियों की संविदा भर्ती की गई किंतु दो से तीन माह के भीतर ही इनमें से तीन अधिकारी कर्मचारी विश्वविद्यालय आना छोड़ दिया।


बताया जाता है कि इन तीनों अधिकारी और कर्मचारी ने कार्यालय में दुर्व्यवहार के कारण कार्यालय आना छोड़ और इसका आरोप विश्वविद्यालय के कुलसचिव खरे पर लगा है। खरे पर आरोप है कि खरे द्वारा इन तीनों अधिकारी कर्मचारी से वीना लाग बुक भरे बिलों के भुगतान का दबाव डाला जाता रहा है। इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ सरकार को की जा चुकी है पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। संविदा भर्ती के चार अधिकारी कर्मचारी में से एक कमल दस नागपुरे ने कुलपति से कुलसचिव की शिकायत कर कुलसचिव कार्यालय की जगह कुलपति प्रकोष्ठ में अपना तबादला करवा लिया।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 27 जनवरी 2024 को विश्वविद्यालय में पदस्थ अधिष्ठाता, अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं अधिष्ठाता संकाय के सहित नौ अधिकारी/ कर्मचारी और गैर शिक्षकीय संविदा अधिकारी/कर्मचारी सहित करीब 250 विद्यार्थियों ने राजभवन में कुलसचिव आर एल खरे के खिलाफ शिकायत कर चुके है। शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में शिकायतकर्ताओं ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के पास की जिसके बाद एक जांच समिति का गठन हुआ।

जांच समिति ने कुलसचिव के खिलाफ की गई शिकायत का विंदुवार जांच की गई और शिकायत कर्ताओं सहित 250 छात्र छात्राओं का बयान और वीडियो सबूत के तौर पर लिया गया। इस दौरान जांच समिति ने विश्वविद्यालय के उप लेखानियंत्रक मनोज तिवारी का भी बयान लिया गया जिसमें तिवारी ने वित्तीय अनियमितता की बात को स्वीकार किया। बताया गया कि जांच समिति को कुल ग्यारह लोगों ने कुलसचिव के खिलाफ बयान दर्ज कराए थे। जांच समिति के अध्यक्ष की माने तो जांच समिति द्वारा जांच रिपोर्ट 26 जुलाई 2024 को राजभवन में प्रस्तुत कर दिया गया है।दरअसल छात्रा छात्राओं ने अपनी शिकायत में आठ बिंदुओं का जिक्र किया जो बेहद गंभीर है फिलहाल विश्वविद्यालय में और कई समस्याएं है जो शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने से बढ़ गई है।

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