भारत में लोग सेक्स के मुद्दे पर खुलकर बात करने से बचते हैं. हालांकि, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के लेटेस्ट डेटा में सेक्स को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. इस सर्वे के तहत लोगों से कई तरह के सवाल पूछे गए थे. जैसे कि क्या अब भी लोग मानते हैं कि शादी के बाहर सेक्स करना गलत है? वे सेक्सुअली एक्टिव किस उम्र में हुए. सर्वे से पता चलता है कि सेक्स से जुड़े हर एक सवाल पर भारतीय पुरुषों और महिलाओं का नजरिया कितना अलग है.
उम्र और सेक्स में संबंध– NFHS के डेटा के मुताबिक, भारतीय पुरुषों की तुलना में महिलाएं जल्दी सेक्सुअली ऐक्टिव हो जाती हैं. 15 साल की उम्र तक लड़कों की तुलना में लड़कियों में सेक्स का अनुभव कर लेने की संभावना ज्यादा होती है. सर्वे में 25 से 49 साल की महिलाओं से पूछा गया कि उन्होंने पहली बार शारीरिक संबध कब बनाए. 10.3% महिलाओं ने माना कि 15 साल की उम्र तक वो एक बार संबंध बना चुकी थीं. वहीं, इस उम्र में सेक्स करने वाले पुरुषों का आंकड़ा 0.8% था. भारत में सहमति से शारीरिक संबध बनाने की उम्र 18 साल है लेकिन इससे कम उम्र की 6% महिलाओं ने सर्वे में बताया कि वो पहले ही शारीरिक संबंध बना चुकी हैं. वहीं, 18 साल से कम उम्र के 4.3% लड़कों ने कबूला कि वो सेक्स कर चुके हैं.
महिलाएं क्यों जल्दी हो जाती हैं सेक्सुअली एक्टिव- महिलाओं का सेक्सुअली एक्टिव होना कई बातों पर निर्भर करता है. इसका एक कारण ये भी है कि भारतीय समाज में पुरुषों का दबदबा है और सेक्स के मामले में भी उनकी मर्जी ज्यादा चलती है. कई लड़कियां यौन उत्पीड़न का भी शिकार होती हैं. 3% से अधिक महिलाओं का कहना है कि 22 साल की उम्र तक पहुंचने तक उनके साथ रेप हो चुका था.
सर्वे के अनुसार, महिलाओं के पहली बार सेक्स का अनुभव उनके स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उनके सामाजिक तबके पर भी निर्भर करता है.
जैसे कि अशिक्षित लड़कियों में पहली बार शारीरिक संबंध बनाने की औसत उम्र 17.5 थी जबकि 12 साल या उससे ज्यादा समय स्कूल में बिताने वाली महिलाओं में ये औसत उम्र 22.8 थी. वहीं, गरीब महिलाओं में पहले सेक्स अनुभव की औसत उम्र 17.8 साल और अमीरों में 21.2 साल थी. जबकि लड़कों के लिए पहले सेक्स अनुभव की औसत उम्र 22 से 25 साल के भीतर ही रहती है.