नई दिल्ली। मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को नए साल में एक बड़ी खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय खासतौर पर तब लिया गया है, जब केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी तक पहुंच चुका है, और वे लंबे समय से इस राहत की उम्मीद लगाए हुए थे।
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ी राहत साबित होगा। इससे पहले, सरकार की तरफ से इस मामले में किसी तरह की पुष्टि नहीं की गई थी, लेकिन अब इस फैसले के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। खास बात यह है कि यह निर्णय बजट 2025 से पहले लिया गया है।
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल-
वेतन आयोग का इतिहास देखें तो यह हर 10 साल में संशोधित होते हैं। वर्तमान में लागू सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और इसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा। लेकिन सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन का निर्णय जल्द ही लिया है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक नई उम्मीद प्रदान करेगा।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला-
केंद्रीय कर्मचारियों को दी गई यह राहत दरअसल सरकार के कर्मचारियों के प्रति समर्थन और उनके आर्थिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आठवें वेतन आयोग से उम्मीद है कि कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी, महंगाई भत्ते में इजाफा और अन्य लाभ मिल सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कर्मचारियों के लिए राहत की खबर-
इस निर्णय से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक नई उम्मीद मिली है। पिछले कुछ सालों में महंगाई में लगातार वृद्धि के कारण कर्मचारियों को अपने वेतन में बढ़ोतरी की जरूरत महसूस हो रही थी, और अब सरकार ने उनकी इस मांग को पूरा करने की दिशा में कदम उठाया है।