रायपुर।छत्तीसगढ़ के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में इस बार गणतंत्र दिवस पर कुछ अलग ही “तिरंगा शो” देखने को मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर घोषणा की है कि 26 जनवरी को “स्वतंत्रता दिवस” मनाया जाएगा! जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। यह गड़बड़ी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के हस्ताक्षरित पत्र में की गई है, जिसने सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरी हैं।
पत्र में एक और शानदार ग़लती है, जिसमें लिखा गया है कि 26 जनवरी को “ध्वजारोहण” होगा। यहां यह याद दिलाना ज़रूरी है कि ध्वजारोहण 15 अगस्त को किया जाता है, जबकि 26 जनवरी को “ध्वज फहराया” जाता है। यह फर्क बताने के लिए शायद किसी पत्रकारिता के पाठ्यक्रम की जरूरत नहीं थी।
यह घटना ऐसे विश्वविद्यालय में हुई है जो भविष्य के पत्रकारों और जनसंचार विशेषज्ञों को तैयार करने का दावा करता है। अब सवाल यह उठता है कि अगर खुद विश्वविद्यालय प्रशासन की भाषा और तथ्यों में इतनी लापरवाही है, तो छात्रों को क्या सिखाया जा रहा है?
छात्रों का तंज:
सोशल मीडिया पर छात्रों ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहा, “पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जब इतिहास दोबारा लिखा जाएगा, तो तारीखें भी बदल जाएंगी।”
जब इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा जाएगा, तो उन्होंने इसे “टाइपिंग एरर” बताकर पल्ला झाड़ लिया जाएगा। हालांकि, इस “एरर” ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि राष्ट्रीय पर्वों और उनकी महत्ता पर भी ध्यान न देना कितना बड़ी चूक हो सकती है।
अब देखना यह है कि आने वाले 15 अगस्त को विश्वविद्यालय प्रशासन क्या “गणतंत्र दिवस” मनाने की योजना बनाता है या नहीं!