चिरमिरी। नगर निगम चुनाव से पहले चिरमिरी में ‘हवाई सड़क घोटाला’ बड़ा मुद्दा बन गया है। सिद्ध बाबा मंदिर तक सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत 50 लाख रुपये बिना सड़क बने ही ठेकेदार और अफसरों की जेब में चले गए। अब 11 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले इस घोटाले पर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है।
नगर निगम ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सड़क निर्माण की योजना बनाई थी, लेकिन ठेकेदार ने सिर्फ घाट कटिंग कर दी—वो भी नगर निगम की जेसीबी से! मजेदार बात यह है कि बिना सड़क बने ही भुगतान भी पूरा हो गया। जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, शहर में हंगामा खड़ा हो गया।
“सड़क नहीं, सिर्फ सरकारी जुगाड़”
स्थानीय लोगों का कहना है कि कागजों में पूरी सड़क बन चुकी है, लेकिन हकीकत में सिर्फ पहाड़ का थोड़ा-सा हिस्सा काटा गया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल नगर निगम के अफसरों और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ है। जनता पूछ रही है—“हमारा पैसा कहां गया और सड़क कहां है?”
मतदान से पहले सियासत गरमाई
चिरमिरी नगर निगम चुनाव के लिए 11 फरवरी को मतदान होना है, और इस घोटाले ने माहौल को पूरी तरह गरमा दिया है। बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेर रही है, तो कांग्रेस इसे ‘पुरानी सरकार की देन’ बता रही है। जनता सिर्फ यही पूछ रही है कि चुनावी वादों में जिस विकास की बात होती है, वह आखिर जमीन पर कब दिखेगा?
चुनाव से पहले कार्रवाई होगी या सिर्फ बयानबाजी?
इस घोटाले के खिलाफ जनता खुलकर विरोध कर रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या मतदान से पहले कोई कार्रवाई होगी? या फिर यह मुद्दा भी सिर्फ चुनावी भाषणों में रह जाएगा? जनता इस बार जवाब मांग रही है, और अगर जवाब नहीं मिला तो वोट की चोट देने की तैयारी कर रही है!
अब देखना यह होगा कि 11 फरवरी के मतदान से पहले इस सड़क पर सच में कुछ काम होता है या यह घोटाला भी सिर्फ चुनावी बहसों में गूंजकर रह जाता है!