रायपुर, 22 मार्च 2025:
छत्तीसगढ़ की विधानसभा में बजट सत्र के दौरान एक छोटी सी गलती भारी पड़ गई और इसका खामियाजा पूरा वन विभाग भुगत रहा है! इंदिरा निकुंज माना रोपणी में संचालित कुंवारादेव महिला स्व सहायता समूह के कामकाज को लेकर सदन में दी गई गलत जानकारी ने ऐसा तूल पकड़ा कि देखते ही देखते निलंबन की झड़ी लग गई।
वन मंत्री केदार कश्यप ने सदन में गलत तथ्य पेश करने पर इतनी कड़ी नाराजगी जताई कि जांच के आदेश दिए। प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव की अध्यक्षता में हुई जांच में पाया गया कि जानकारी सिर्फ गलत नहीं थी, बल्कि उसे छुपाने की कोशिश भी की गई थी! नतीजा — रायपुर वन परिक्षेत्र के अधिकारी सतीश मिश्रा, माना नर्सरी प्रभारी तेजा सिंह साहू, वन मंडल कार्यालय के सहायक अविनाश वाल्दे और प्रदीप तिवारी, साथ ही परिक्षेत्र कार्यालय के सहायक अजीत डडसेना को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।
मामला यहीं नहीं रुका! रायपुर के वनमंडलाधिकारी लोकनाथ पटेल और संयुक्त वनमंडलाधिकारी विश्वनाथ मुखर्जी भी लपेटे में आ गए। इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई का निलंबन प्रस्तावित किया गया है।
वन मंत्री कश्यप ने सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि अगली बार सदन में गलत जानकारी दी तो कार्रवाई और भी तेज होगी। साथ ही यह भी कहा कि विभागीय योजनाओं का सही प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि आम जनता को इसका पूरा फायदा मिल सके।
अब विभाग में हलचल तेज है — अगली बार सदन में मुंह खोलने से पहले सब कुछ दोबारा-तिबारा जांचा जाएगा!